पाकिस्तानी हाई कमीशन में बैठकर आईएसआई का एजेंट महमूद अख्तर देश के समुद्री इलाकों की जानकारियां जुटा रहा था। मकसद गुजरात-महाराष्ट्र में समुद्र से सटे इलाकों में 26/11 जैसा हमला कराना था।
होम मिनिस्ट्री के एक अफसर ने यह दावा किया है। भारत में पाकिस्तान के लिए बीएसएफ की जानकारी जुटा रहे जासूस मौलाना रमजान और सुभाष जांगिड़ के पास से गुजरात-राजस्थान में फोर्स की तैनाती की डिलेट मिली थी।
गुरुवार को दिल्ली चिड़ियाघर के पास पुलिस ने अख्तर समेत तीन जासूसों को पकड़ा था। भारत में जासूसी का नेटवर्क फैलाने वाला शोएब 6 बार जा चुका है पाकिस्तान
दिल्ली के ज्वाइंट सीपी रवींद्र यादव ने शुक्रवार को कहा, अरेस्ट तीनों जासूसों के अलावा कुछ और लोग भी इस नेटवर्क में शामिल हो सकते हैं। उन्हें ट्रैस कर लिया है, जल्द ही उनके ठिकानों पर रेड होगी।
गुरुवार रात को गिफ्तार हुआ शोएब जोधपुर में वीजा एजेंट का काम करता है। उसकी मां और फैमिली के कई मेंबर पाकिस्तान में रहते हैं। दिल्ली में पाक हाई कमीशन के साथ बॉर्डर पार भी उसकी पकड़ मजबूत है। 4 साल से जासूसी में शामिल है और 6 बार पाकिस्तान जा चुका है।
शोएब के पास से कुछ खुफिया दस्तावेज और फैबलेट मिला है। जिसे उसने गिरफ्तारी से पहले तोड़ दिया था।
एक सीनियर अफसर ने बताया, क्राइम ब्रांच ने मौलाना और सुभाष के मोबाइल कब्जे में लिए हैं। जांच में पता चला है कि अख्तर से बात करने के लिए वे ज्यादातर वॉट्सऐप पर वाइस कॉल करते थे।
अख्तर हर महीने दिल्ली के कई पब्लिक प्लेस में मौलाना और सुभाष से मिलता था। जहां उनके बीच खुफिया डिटेल और पैसों का लेन-देन होता था। रमजान, सुभाष जांगिड़ को खुफिया जानकारी पाक हाई कमीशन में तैनात आईएसआई एजेंट अख्तर को देने के बदले 30 से 50 हजार रुपए मिलते थे।
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