जम्मू-कश्मीर में सीमा रेखा पार कर पीओके में किये गए सर्जिकल स्ट्राइक की पूरी कहानी भारतीय सेना ने सांसदों को बताई। अपनी ब्रीफिंग के दौरान सेना ने कहा कि अगर हालात ठीक नहीं हुए और जरूरत पड़ी तो ऐसे सर्जिकल स्ट्राइक आगे भी होंगे।
संसद की रक्षा स्थायी समिति को सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़ी सभी जानकारियां बताई। सेना ने नेताओं को बताया कि भारतीय फौज की टुकड़ी ने किस तरह लाइन ऑफ कंट्रोल पार करके सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया।
सर्जिकल स्ट्राइक के सबूतों को लेकर चल रही बहस व राजनीति के दौरान इस ब्रीफिंग को काफी माना जा रहा है।
दरअसल ऐसा पहली बार हुआ है जब सांसदों को सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में आधिकारिक तौर पर जानकारी दी गई है।
इससे पहले भारतीय डीजीएमओ ने बयान जारी कर पहली बार इस जवाबी हमले की सार्वजनिक घोषणा की थी। बाद में केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक के जरिए सभी राजनीतिक दलों को इस बारे में बताया था।
उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल विपिन रावत ने संसदीय समिति को बताया कि कमांडो ऐक्शन के पहले इस बात की जानकारी मिली थी कि सीमा रेखा (एलओसी) के पार बने लॉन्च पैड्स पर आतंकवादी मौजूद हैं। उनका मकसद जम्मू-कश्मीर में कई जगहों को निशाना बनाना था।
विपिन रावत ने समिति को बताया कि भले ही भारत ने कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी डीजीएमओ को जानकारी दी हो, लेकिन भविष्य के हालात पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। अगर पाकिस्तान अपनी जमीन का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए न होने देने का वादा पूरा नहीं करता तो ऐसा कदम दोबारा उठाया जा सकता है।
समिति के एक सदस्य ने बताया कि सेना के उप प्रमुख ने लगभग आधे घंटे तक सेना के सर्जिकल स्टाइक से जुड़ी जानकारियां दीं। उन्होंने कहा कि जो भी सूचनाएं दी गईं, वे पहले से ही लोग जान रहे हैं।
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