साइरस मिस्त्री को टाटा संस ने चेयरमैन पद से हटा दिया है. चयन समिति ने चार महीनों के लिए रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन नियुक्त किया है. अब नया चेयरमैन कौन होगा, इसका फैसला करने के लिए एक समिति बना दी गई है.
ग्रुप के चेयरमैन पद से हटने के बाद साइरस मिस्त्री को टाटा की प्रमुख कंपनियों टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टीसीएस, इंडियन होटल्स, टाटा ग्लोबल बेवरेजेज और टाटा पावर का चेयरमैन पद भी छोड़ना होगा.
हालांकि ये अभी स्पष्ट नहीं है कि कैसे उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा, लेकिन मिस्त्री परिवार के लिए ये एक झटका है.
मिस्त्री परिवार का टाटा में करीब 16-18 फीसदी हिस्सेदारी है, जो कि उन्हें सबसे बड़ा व्यक्तिगत शेयरधारक बनाता है और ये गैर-टाटा शेयरधारक भी है.
ग्रुप के चेयरमैन पद से हटने के बाद साइरस मिस्त्री को टाटा की प्रमुख कंपनियों टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टीसीएस, इंडियन होटल्स, टाटा ग्लोबल बेवरेजेज और टाटा पावर का चेयरमैन पद भी छोड़ना होगा.
हालांकि ये अभी स्पष्ट नहीं है कि कैसे उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा, लेकिन मिस्त्री परिवार के लिए ये एक झटका है.
मिस्त्री परिवार का टाटा में करीब 16-18 फीसदी हिस्सेदारी है, जो कि उन्हें सबसे बड़ा व्यक्तिगत शेयरधारक बनाता है और ये गैर-टाटा शेयरधारक भी है.
इस बीच चेयरमैन पद से हटाए जाने से नाराज साइरस मिस्त्री ने इस फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने का फैसला किया है. टाटा संस ने मिस्त्री को हटाने का कारण नहीं बताया है.
मिस्त्री को वर्ष 2011 में कंपनी में चेयरमैन रतन टाटा का उत्तराधिकारी चुना गया था और उन्हें पहले डिप्टी चेयरमैन बनाया गया. टाटा संस के चेयरमैन पर दर मिस्त्री का चुनाव पांच सदस्यीय एक समिति ने किया था.
मिस्त्री ने रतन टाटा के 75 वर्ष की आयु पूरी करने पर उनकी सेवानिवृत्त के बाद 29 दिसंबर 2012 को चेयरमैन का पद भार संभाला था. मिस्त्री वर्ष 2006 से कंपनी के निदेशक मंडल में शामिल रहे हैं. कंपनी के सबसे बड़े हिस्सेदार शापूरजी पालोनजी ने कंपनी के चेयरमैन पद के लिए उनके नाम की सिफारिश की थी.
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