मुंबई: फिल्मकार करण जौहर का कहना है कि उरी में हुए आतंकी हमले में गई जानों के लिए उनका दिल भी रोता है और वह देश का गुस्सा समझते हैं लेकिन पाकिस्तान के कलाकारों का बहिष्कार कर देना आतंकवाद का हल नहीं है.
करण जौहर का यह बयान दरअसल मनसे की तरफ से फवाद खान और माहिरा खान जैसे पाकिस्तानी कलाकारों को भारत छोड़ने की धमकी देने के बाद आया है.
इन कलाकारों को यह भी कहा गया कि यदि वे भारत नहीं छोड़ेंगे तो उनकी फिल्मों की शूटिंग रुकवा की जाएगी.
फवाद, करण जौहर की आने वाली फिल्म ‘ए दिल है मुश्किल’ में हैं. यह फिल्म इस दिवाली पर रिलीज होनी है.
करण जौहर ने एक न्यूज चैनल को बताया, मैं हमारे आसपास के गुस्से को समझता हूं और इसके साथ सहानुभूति रखता हूं.
गंवाई गई जिंदगियों के लिए मेरा दिल रोता है. कोई भी चीज आतंक के इस भयावह एक्सपीरिएंस को सही नहीं ठहरा सकती. फिर आपका सामना इस किस्म की स्थिति (पाक कलाकारों पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहने) से होता है. यदि यह वाकई हल होता तो यह कदम उठाया जा चुका होता.
उन्होंने कहा, लेकिन यह हल नहीं है. मैं इसमें यकीन नहीं रखता. इस स्थिति को सुलझाने के लिए बड़े प्रभावशाली पक्षों को एकसाथ आना चाहिए और यह हल हुनर या कला को प्रतिबंधित करके नहीं निकाला जा सकता.करण ने कहा कि इस बारे में सार्वजनिक तौर पर बोलने के दौरान वह ‘कमजोर’ महसूस करते हैं.
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