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MP : सुविधाएं न मिलने से AIIMS के नाराज छात्रों ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा पर फेंकी स्याही

भोपाल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल के अधूरे निर्माण और सुविधाएं न मिलने से नाराज छात्रों ने शनिवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा पर स्याही फैंक दी।
जब वे एम्स के मेडिकल कॉलेज का दौरा कर अपनी कार में बैठ रहे थे उस वक्त फेंकी स्याही । गुस्साए छात्र-छात्राओं ने नड्डा की कार का घेराव कर दिया। 
ड्राइवर ने विद्यार्थियों की परवाह किए बगैर गाड़ी आगे बढ़ा दी, जिससे दो छात्राएं घायल हो गईं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री एम्स में विभिन्न् सुविधाओं का लोकार्पण करने पहुूंचे थे। उन्होंने सुबह 11 बजे अस्पताल पहुंचकर सबसे पहले एमआरआई, सीटी स्कैन और डिजिटल एक्स-रे का लोकार्पण किया। 
इसके बाद अमृत फार्मेसी, मेडिसिन वार्ड व गायनेकोलॉजी वार्ड का उद्घाटन किया। इस दौरान एम्स के करीब 300 विद्यार्थी हाथों में तख्तियां लेकर एम्स की बदहाली दूर करने की मांग को लेकर सड़क पर खड़े हो गए।
 जैसे ही नड्डा का काफिला पहुंचा, उन्होंने प्रदर्शन शुरू कर किया। नड्डा ने एम्स स्टूडेंट्स यूनियन के पदाधिकारियों को बुलाकर बात की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
जब केन्द्रीय मंत्री वापस जाने लगे तो स्टूडेंट ने उन्हें अपनी मांगों को लेकर घेर लिया। वह अपनी गाड़ी की तरफ बढ़े, तभी किसी ने स्याही फैंक दी। 
बताया जा रहा है कि किसी छात्रा ने स्याही फैंकी थी। नड्डा के ड्राइवर ने गाड़ी स्टार्ट करके आगे बढ़ा दी। सामने प्रदर्शन कर रहे छात्रों में अफरा-तफरी मच गई।
 तभी अंजली कृष्णा और इजिया पाण्डे नामक दो छात्राएं कार से टकराकर घायल हो गईं। उन्हें एम्स के अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। 
दोनो के पैर में चोट आई थी। एक छात्रा बेहोश भी हो गई थी। विद्यार्थी एम्स में स्थाई डायरेक्टर, फैकल्टी की नियुक्ति और अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।
केन्द्रीय मंत्री पर स्याही फैंकने की घटना से पुलिस प्रशासन भी सकते में आ गया। पुलिस ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच शुरू कर दी। 
दोपहर बाद बाग सेवनिया पुलिस की टीम एम्स के गर्ल्स हॉस्टल जांच के लिए पहुंची। एम्स के डीन (एकेडमिक) डॉ. बालाकृष्णन का कहना है कि पुलिस जांच कर रही है।
 दोषियों के खिलाफ पुलिस और एम्स प्रबंधन दोनों ही कार्रवाई करेंगे। एम्स के चार प्रोफेसर्स ने नड्डा से मुलाकात की।
 एम्स के प्रभारी डायरेक्टर द्वारा मिनिस्ट्री को लिखे पत्र का हवाला देते हुए कहा कि इसमें उन चारों प्रोफेसर्स की मानहानि की गई है। उन पर एम्स की छवि खराब करने के निराधार आरोप लगाए गए हैं।

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