पटना. बिहार सरकार पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की जमानत रद्द कराने की तैयारी में है। दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं। कानूनी मशविरा भी लिया जा रहा है कि जमानत रद्द करने की अपील पटना हाईकोर्ट के उसी बेंच में की जाए, जिसने जमानत दी या सुप्रीम कोर्ट जाया जाए?
सीवान एसपी ने शहाबुद्दीन से जुड़े आधा दर्जन केस के रुके ट्रायल को फिर से शुरू कराने के लिए कहा है। सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार इसपर काम कर रही है। जेल से छूटने के बाद शहाबुद्दीन ने कहां-कहां कानून का उल्लंघन किया, जमानत रद्द कराने की दलील का यह बड़ा पक्ष होगा।
शहाबुद्दीन के साथ सीवान में पत्रकार राजदेव हत्याकांड के संदिग्ध मो. कैफ की तस्वीर भी सामने आई है। ऐसे सभी बिंदु जमानत रद्द कराने के आधार बन सकते हैं। इस मसले पर कानूनी सलाह के दौरान माना गया है कि जमानत रद्द कराने की गुंजाइश है।
पटना हाईकोर्ट के एक बेंच ने शहाबुद्दीन से जुड़े मामलों के ट्रायल पर रोक लगा दी थी। दूसरे बेंच ने ट्रायल को 9 महीने में पूरा करने को कहा था। इसका 6 महीना बीत गया। एडीजे कोर्ट में केस का कमिटमेंट ही नहीं हुआ। और इसी आधार पर कोर्ट ने शहाबुद्दीन को जमानत दे दी।
जदयू के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. अजय आलोक ने कहा-ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट जाना स्थापित कानूनी प्रक्रिया रही है। जमानत रद्द कराने सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
सीवान जिला प्रशासन शहाबुद्दीन की जमानत रद्द कराने में जुटा है। DM महेन्द्र कुमार व SP सौरभ कुमार साह ने राज्य सरकार को इस संबंध में रिपोर्ट दी है।
रिपोर्ट में शहाबुद्दीन को कानून व्यवस्था के लिए खतरा बताया गया है और उनकी जमानत रद्द करने की सिफारिश की गई है। SP ने बताया कि शहाबुद्दीन को जमानत मिलने के बाद से ही जिले की हर गतिविधि की रिपोर्ट सरकार को सौंपी जा रही है।
शहाबुद्दीन से जुड़े आधा दर्जन केस की सुनवाई रुकी हुई है, इसमें अधिकतर केस अंतिम स्टेज में हैं। सीवान एसपी ने कहा कि इन केसों में फिर से ट्रायल शुरू करने के लिए सरकार से कहा गया है।
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