रेलवे के लिए अब रेल बजट संसद में अलग से पेश नहीं किया जाएगा. रेल बजट को आम बजट में मिला दिया गया है. इस बारे में बुधवार को मोदी सरकार की कैबिनेट ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.
इसी के साथ रेल बजट को संसद में अलग से पेश करने की 92 साल की परंपरा खत्म हो गई है.वित्त मंत्री अरुण जेतली ने इस बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि रेल मंत्रालय का बजट अब आम बजट में ही शामिल करने का फैसला किया गया है.
इसके पीछे जो तर्क दिया जा रहा है वो है कि कई मंत्रालय ऐसे हैं जिनका सालाना बजट रेल मंत्रालय से ज्यादा या बराबर है. ऐसे में रेल मंत्रालय के बजट को अलग से पेश करने का कोई औचित्य नहीं है.
रेल मंत्रालय की देबराय कमेटी ने इसके लिए पहले ही सुझाव दिया था. वित्त मंत्री के मुताबिक रेल बजट को आम बजट में मिलाने के बावजूद रेलवे का कामकाज स्वतंत्र तौर पर पहले की तरह ही चलता रहेगा.
रेलवे अलग डिपार्टमेंट की तरह वाणिज्यिक तौर पर चलाया जाता रहेगा. मौजूदा तौर-तरीकों पर ही रेलवे की स्वायत्ता बरकरार रहेगी और इसकी फाइनेंशियल पावर जस की तस बनी रहेंगी.
इसी के साथ रेल बजट को संसद में अलग से पेश करने की 92 साल की परंपरा खत्म हो गई है.वित्त मंत्री अरुण जेतली ने इस बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि रेल मंत्रालय का बजट अब आम बजट में ही शामिल करने का फैसला किया गया है.
इसके पीछे जो तर्क दिया जा रहा है वो है कि कई मंत्रालय ऐसे हैं जिनका सालाना बजट रेल मंत्रालय से ज्यादा या बराबर है. ऐसे में रेल मंत्रालय के बजट को अलग से पेश करने का कोई औचित्य नहीं है.
रेल मंत्रालय की देबराय कमेटी ने इसके लिए पहले ही सुझाव दिया था. वित्त मंत्री के मुताबिक रेल बजट को आम बजट में मिलाने के बावजूद रेलवे का कामकाज स्वतंत्र तौर पर पहले की तरह ही चलता रहेगा.
रेलवे अलग डिपार्टमेंट की तरह वाणिज्यिक तौर पर चलाया जाता रहेगा. मौजूदा तौर-तरीकों पर ही रेलवे की स्वायत्ता बरकरार रहेगी और इसकी फाइनेंशियल पावर जस की तस बनी रहेंगी.
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