नई दिल्लीः सरकार ने बुधवार को रेल कर्मचारियों के लिए उत्पादकता से जुड़े 78 दिनों के बोनस की घोषणा की है. केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मीडिया को बताया कि रेल कर्मचारियों को त्योहारी मौसम से पहले 78 दिनों का बोनस दिया जाएगा.
त्योहारी सीजन से पहले सरकार ने बुधवार को रेल कर्मचारियों को 78 दिन के वेतन के बराबर उत्पादकता आधारित बोनस दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.
यह लगातार पांचवां साल है, जबकि रेलकर्मियों को इस स्तर का बोनस मिलेगा. बोनस 78 दिनों के लिए दिया जाएगा और इससे भी अधिक अहम ये है कि यह आने वाले त्यौहारी मौसम से पहले दे दिया जाएगा.
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मंत्रिमंडल ने रेल कर्मचारियों को उत्पादकता से जुड़ा 78 दिनों का बोनस देने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है.
इस बार बोनस की गिनती के लिए वेतन सीमा 3500 रुपये से बढ़ाकर 7000 रुपये की गई है, जिससे रेलकर्मियों की बोनस राशि दोगुना होने की संभावना है.
पिछले साल प्रति कर्मचारी दिया गया न्यूनतम बोनस 8975 रुपये था. इसके तहत रेलवे के देशभर में फैले सभी गैर-राजपत्रित कर्मचारी आते हैं. कर्मचारियों के लिए 78 दिन का वेतन करीब 18,000 रुपये बैठेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में वित्त वर्ष 2015-16 के लिए रेलवे के गैर- राजपत्रित कर्मचारियों (आरपीएफ-आरपीएसएफ कर्मियों को छोड़कर) को 78 दिन के वेतन के बराबर उत्पादकता आधारित बोनस देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. रेल कर्मचारियों को मिलने वाले इस प्रॉडक्टिविटी लिंक्ड बोनस में आरपीएफ और आरपीएसएफ कर्मचारी शामिल नहीं होंगे.
रेलवे के करीब 12 लाख कर्मचारियों को हर साल दशहरे से पहले उत्पादकता आधारित बोनस दिया जाता है.
इससे रेलवे पर 2,090.96 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. साल 2011-12, 2012-13, 2013-14, 2014-15 में भी रेल कर्मियों को 78 दिन के वेतन के बराबर बोनस दिया गया था.
उत्पादकता आधारित बोनस की सीमा को 3500 से बढ़ाकर 7000 रुपये कर दिया गया है, ऐसे में हमें उम्मीद है कि कर्मचारियों को पिछले साल के बोनस की तुलना में दोगुनी राशि मिलेगी.
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