अभिनव बिंद्रा के तकनीकी ट्रेनर हेंज रेंकेमियर ने ओलंपिक पदक के लिए भारतीय मीडिया के जुनून की निंदा करते हुए कहा कि पदक के बिना भी इस निशानेबाज का प्रयास अच्छा प्रदर्शन था।
बिंद्रा शूट ऑफ में पिछड़ने के बाद 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहे। रियो में चौथे स्थान पर रहने के साथ बिंद्रा के शूटिंग रेंज को अलविदा कहने के बाद जर्मनी के हेंज ने संवाददाताओं से कहा, मैं आपको स्पष्ट कर दूं। यह मीडिया की समस्या है। वे आते हैं और स्वर्ण पदक चाहते हैं।
उनकी खेलों या व्यक्तिगत खिलाड़ियों में रूचि नहीं है। वे सिर्फ स्वर्ण चाहते हैं, स्वर्ण और सिर्फ स्वर्ण। भारत के एकमात्र ओलंपिक व्यक्तिगत स्वर्ण पदक विजेता बिंद्रा अपने दूसरे ओलंपिक पदक से चूक गए लेकिन हेंज ने कहा कि वे प्रदर्शन से खुश हैं।
उन्होंने कहा, शायद यह सिर्फ भारत में ही होता है। आप खिलाड़ियों को भेजते हैं जिन्हें यूरोप या संभवत: चीन जैसी अच्छी ट्रेनिंग नहीं मिलती है और आप पूछते रहते हैं कि आपको स्वर्ण पदक क्यों नहीं मिला। यह समझने की कोशिश कीजिए कि अच्छे प्रदर्शन की अपनी अहमियत होती है। मेरे लिए आज का प्रदर्शन काफी अच्छा था।
उन्होंने कहा, शायद यह सिर्फ भारत में ही होता है। आप खिलाड़ियों को भेजते हैं जिन्हें यूरोप या संभवत: चीन जैसी अच्छी ट्रेनिंग नहीं मिलती है और आप पूछते रहते हैं कि आपको स्वर्ण पदक क्यों नहीं मिला। यह समझने की कोशिश कीजिए कि अच्छे प्रदर्शन की अपनी अहमियत होती है। मेरे लिए आज का प्रदर्शन काफी अच्छा था।
बिंद्रा को उक्रेन के सेरही कुलीश ने शूट ऑफ में 0.5 अंक से पछाड़ा जिसके बाद भारतीय निशानेबाज चौथे स्थान पर रहा। हेंज ने कहा कि भाग्य बिंद्रा के साथ नहीं रहा।
हेंज ने कहा, साल दर साल खिलाड़ियों में बदलाव आ रहे हैं और प्रतियोगिता में भी। हम भी जरूरी बदलाव करते हैं। अगर हम आज की तुलना करें तो वह शायद पदक से दो या तीन 10 अंक के शाट से दूर था। बीजिंग में भाग्य उसके अधिक साथ था।
हेंज ने कहा, साल दर साल खिलाड़ियों में बदलाव आ रहे हैं और प्रतियोगिता में भी। हम भी जरूरी बदलाव करते हैं। अगर हम आज की तुलना करें तो वह शायद पदक से दो या तीन 10 अंक के शाट से दूर था। बीजिंग में भाग्य उसके अधिक साथ था।
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