सभी ऑफिस में प्लास्टिक की एक ही बोतल को बार-बार भरकर पीते हैं। पर आप ये जानकर चौंक जाएंगे कि जिस बोतल को आप बार बार इस्तेमाल कर रहे हैं उस पर हर एक सेंटीमीटर एरिया में करीब 9 लाख कीटाणु होते हैं।
वैज्ञानिकों ने तो ऐसी बोतल की तुलना टॉयलेट सीट से की है बल्कि उससे भी खराब बताया है। वैज्ञानिकों ने एक हफ्ते तक ऐसी बोतलों पर शोध किया जिसका इस्तेमाल एथलीट कर रहे थे।
इस दौरान उन्होंने पाया कि उसके एक सेंटीमीटर के एरिया में करीब 90,0000 कीटाणुओं की कॉलोनी बनी हुई थी। यह एक टॉयलेट सीट पर मौजूद कीटाणुओं से कहीं ज्यादा है। ट्रेडमिल रिव्यूस नामक एक संस्थान ने इस रिसर्च को किया।
वैज्ञानिकों ने पाया कि ज्यादातर बोतल जो दोबारा इस्तेमाल की जाती है ठीक से साफ नहीं की जाती। इसके अलावा उसका इस्तेमाल सीधे मुंह लगाकर किया जाता है।
हमारे लार से खुली हवा में मौजूद विषाणुओं से सीधी प्रतिक्रिया होती है और कई गुना कीटाणु वहां कालोनी बनाकर रहने लगते हैं।
वैज्ञानिकों के मानें तो बोतल पर जमा होने वाले बैक्टीरिया में से करीब 60 प्रतिशत कीटाणु ऐसे होते हैं जो आपको बीमार कर सकते हैं।
इन कीठाणुओं से डायरिया, फूड प्वाइजनिंग, नॉजिया और उल्टी जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
पहले तो ये देखना जरूरी है कि किस तरह के प्लास्टिक की बोतल में आप रोज पानी पीना चाहते हैं। कई पॉलीमर ऐसे होते हैं जो पानी के तापमान के आधार पर प्रतिक्रिया भी करते हैं।
ऐसे में वह पीने के पानी को खतरनाक भी बना सकते हैं। इसलिए बोतल अच्छी प्लास्टिक का होना चाहिए। इसके अलावा उसको गरम पानी में एक बार जरूर हर दिन उबालना चाहिए।
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