रियो डि जेनेरियो. पीवी सिंधू ने शुक्रवार रात ओलिंपिक में इतिहास रच दिया। सिल्वर जीतने वाली वे भारत की पहली महिला एथलीट बन गईं। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्हें कोच की कई सख्तियों का सामना करना पड़ा।
पिछले 3 महीने से उनके पास फोन नहीं था। कोच गोपीचंद का कहना है कि अब वे सिंधू को फोन लौटा देंगे। उसने देश के लिए मेडल जीता है। उसे एन्जॉय करने का हक है। सिंधू का भारत लौटने के बाद 'रुस्तम' देखने, आइसक्रीम और बिरयानी खाने का प्लान है।
सिंधू की कामयाबी में बड़ा हाथ कोच पी. गोपीचंद का भी है। गोपीचंद की ट्रेनिंग काफी सख्त होती है। कहा जाता है कि साइना नेहवाल से लेकर सिंधू तक उनके ट्रेनिंग फॉर्मेट में कोई बदलाव नहीं हुआ। वे कहते हैं, "पिछले 3 महीनों से सिंधू के पास मोबाइल फोन नहीं था। अब वह जीत चुकी है। मैं उसे उसका फोन वापस कर दूंगा।
पिछले 12-13 दिन से मैंने उसे उसका फेवरेट मीठा दही खाने से भी रोक दिया था। ये उसे सबसे ज्यादा पसंद है। मैंने उसे आइसक्रीम भी नहीं खाने दी। अब वो जो चाहे, खा सकती है। गोपीचंद के मुताबिक, बीते दो महीनों में उसने जबरदस्त ट्रेनिंग ली। बिना कोई शिकायत किए उसने कई चीजों की कुर्बानी दी। अब उसे एन्जॉय करने का हक है। मैं बहुत खुश हूं।
वह अभी काफी यंग है। मुझे लगता है कि उसने ओलिंपिक में काफी कुछ सीखा होगा। वह काफी आगे जा सकती है।गोपीचंद सिंधू को मशविरा भी देते हैं कि उसे सिल्वर जीतने की खुशी मनानी चाहिए, न कि गोल्ड न जीत पाने का दुख।
उनके मुताबिक, मैंने उससे कहा कि इस बात को भूल जाए कि उसने कुछ खो दिया। सिर्फ ये याद रखना है कि हमने मेडल जीता। मैं यही चाहता था कि वह इस बात को नहीं भूले कि सेकंड पोजिशन पर आने के लिए उसने कड़ी मेहनत की। मेरी यही ख्वाहिश थी कि भारत का झंडा ऊपर जाए और हमारा राष्ट्रगान बजे। सिंधू ने ये कर दिखाया। ये सबके लिए गर्व की बात है।
0 comments:
Post a Comment