आतंकवाद पर पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में फिर मुंह की खानी पड़ी है। यूएन में हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने का मुद्दा उठाने पर भारत ने करारा जवाब देते हुए कहा है कि पाकिस्तान आतंकियों का गुणगान कर रहा है। पाक ने आतंकवाद को 'स्टेट पॉलिसी' का हिस्सा बना लिया है।
यूएन में मानवाधिकार मुद्दे पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैय्यद अकबरुद्दीन ने कश्मीर को लेकर दी गई पाकिस्तानी दलीलों की धज्जियां उड़ा दीं।
कहा कि पाकिस्तान आतंकियों का 'गुणगान' करता है और दूसरों के भूभाग के लालच में आतंकवाद का इस्तेमाल सरकारी नीति के तौर पर करता है। यूएन में पाक प्रतिनिधि मलीहा लोदी ने कश्मीर और वानी के मारे जाने का मुद्दा उठाया था।
आतंकी वानी की हत्या की निंदा करने वाले पाक को अमरीका ने जमकर क्लास लगाई है। अमरीकी सांसदों ने कहा है कि इससे साफ है कि पाक आतंकी संगठनों को बेझिझक समर्थन दे रहा है। वो अमरीका को मूर्ख समझ रहा है। हमसे पैसे ले रहा है, जबकि यह माफिया को धन देने की तरह है। पाक को आतंकी को मारने का स्वागत करना चाहिए था।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए करोड़ों रुपए हवाला के जरिए भारत भेज रही है। आईएसआई इन पैसों को भेजने के लिए आतंकी हाफिज सईद और सैयद सलाहुद्दीन के नेटवर्क का इस्तेमाल कर रही है।
सूत्रों के अनुसार इसके लिए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आईएसआईए के अधिकारियों ने हाफिज और सलाहुद्दीन के साथ बैठक भी की है। बैठक में जैश का कमांडर अब्दुल रउफ भी मौजूद था। सूत्रों के अनुसार कश्मीर में घाटी आतंक से जलती रहे इसके लिए बीते एक साल के अंदर 100 करोड़ रुपये हवाला के जरिए भेजे गए हैं।
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