अरुणाचल प्रदेश में शनिवार को होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस ने अपना नेता बदल दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर CM बने नबाम तुकी की जगह पेमा खांडू को नया नेता बनाया गया। कहा जा रहा है कि खांडू के साथ 44 विधायक हैं।
तुकी एक्टिंग गवर्नर को अपना इस्तीफा देने जा रहे हैं। बागियों को मनाने की कांग्रेस की यह स्ट्रैटजी कामयाब रही तो विधानसाभ में आज पार्टी बहुमत साबित कर लेगी।
सीएम बनने के बाद तुकी को बहुमत साबित करने के लिए 16 जुलाई तक का समय दिया गया था। तुकी ने बहुमत साबित करने के लिए एक्टिंग गवर्नर से 10 दिन का समय मांगा था। लेकिन एक्टिंग गवर्नर ने उनकी मांग ठुकरा दी थी।
दरअसल, कांग्रेस के 20 बागी विधायकों ने संकेत दिए हैं कि पार्टी अगर लीडरशिप में बदलाव करती है, तो वह बगावती तेवर छोड़ पार्टी में वापस लौट सकते हैं।
पार्टी ने कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग बुलाई। इस मीटिंग में कांग्रेस विधायकों के साथ बागी विधायक भी शामिल हुए।
मीटिंग में पेमा खांडू को पार्टी का नया नेता चुना गया।
अरुणाचल असेंबली में कुल 60 सीटें हैं। इस समय 58 विधायक हैं। 2014 में हुए इलेक्शन में कांग्रेस को 42 सीटें मिली थीं।
बीजेपी को 11 और पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश (PPA) को पांच सीटें मिलीं।
बीजेपी को 11 और पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश (PPA) को पांच सीटें मिलीं।
पीपीए के 5 एमएलए कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसके बाद सरकार के पास कुल 47 एमएलए हो गए। लेकिन कांग्रेस के विधायकों की बगावत के बाद तुकी के पास सिर्फ 26 विधायकों का ही सपोर्ट रह गया।
15 दिसंबर को स्पीकर ने 14 कांग्रेस विधायकों को डिसक्वालिफाई कर दिया था। इस समय राज्य में कलीखो पुल के साथ कांग्रेस के 19 बागी, बीजेपी के 11 और दो निर्दलीय एमएलए शामिल हैं।
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