श्रीनगर: आंतकी बुरहान वानी की मौत के बाद जम्मू-कश्मीर के बिगड़े हालात का जायज़ा लेने और घाटी में शांति बहाली की कोशिशों के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह श्रीनगर पहुंचे और सीएम महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की.
उन्होंने वहां मीडिया से भी बात की और कहा कि जम्मू-कश्मीर पर सरकार की नजर है और पीएम मौजूदा हालात से दुखी हैं.
कश्मीर के विस्फोटक हालात के लिए पाकिस्तान की हरकतों का जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, “कश्मीर के संबंधों को लेकर पाकिस्तान का रवैया पाक नहीं है. पाकिस्तान को अपने व्यवहार बदलने की जरूरत है.”
गृह मंत्री ने पाकिस्तान को नसीहत के साथ-साथ चेतावनी भरे लहजे में कहा कि पाकिस्तान खुद ही आतंकवाद का भुक्तभोगी है और उसे कश्मीर में हिंसा को बढ़ावा नहीं देना चाहिए.
कश्मीरी अवाम के जख्मों पर मरहम लगाते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, “मैंने सूबे की सीएम से कहा कि अगर जख्मियों को इलाज के लिए दिल्ली भेजना जरूरी है तो सरकार एम्स में इलाज मुहैया कराने को तैयार है.”
हिंसा के बीच खौफ और गुस्से को कम करने, जनता की नाराजगी दूर कर उन्हें करीब लाने की कोशिशों के मद्देनज़र गृह मंत्री ने कहा, “मैं साफ कर देना चाहता हूं कि सरकार कश्मीर से जरूरत के रिश्ते नहीं, बल्कि जज़्बाती तौर पर जुड़ना चाहती है.”
इसके साथ ही राजनाथ ने कहा कि कम नुकसान पहुंचाने वाले हथियारों के इस्तेमाल पर एक एक्सपर्ट कमेटी बनेगी, जो कमेटी 2 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी. गृह मंत्री ने सुरक्षाबलों को नसीहत दी कि पैलेट गन के इस्तेेमाल से बचें.
इसके साथ राजनाथ सिंह ने ये भी कहा कि अगर किसी की कुछ परेशानियां और मसले हैं तो इसका हल बातचीत से होगा.
हालांकि, इसके साथ ही राजनाथ ने ये साफ कर दिया कि कश्मीर से बेहतर रिश्ते के लिए भारत को किसी तीसरी पार्टी की जरूरत नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि भारत हरेक से बात करने को तैयार है जो सूबे में शांति और साज़गार हालात लाने में मददगार हो.
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