इन दिनों सोशल साइट पर एक ऐसी फैमिली की फोटो वायरल हो रही है जिसमें पांच पुरुषों की एक ही पत्नी है।
देहरादून के पास एक गांव में रहने वाली यह फैमिली प्राचीन प्रथा को फॉलो करती है जिसके तहत ऐसा किया जाता रहा है।
पांच पतियों की इस पत्नी का नाम राजो है। राजो की पहली शादी हिन्दू परंपरा से पहले पति गुड्डू के साथ 7 साल पहले हुई थी। इसके बाद उसने 32 साल के बैजू, 28 के संत राम, 26 के गोपाल, 19 के दिनेश से भी शादी की।
सबसे आखिरी में दिनेश से शादी हुई जब राजो की उम्र 18 साल हो गई। पांच भाइयों की पत्नी राजो वर्मा हर रात अलग-अलग भाइयों के साथ रहती है। महिला का जब बेटा हुआ तो उसे यह भी नहीं मालूम चल सका कि उसके पिता कौन हैं।
कई लोगों के लिए भले ही यह प्रथा अजीब हो, लेकिन कुछ स्थानीय लोग इसे नॉर्मल मानते हैं।राजो कहती है कि उसे मालूम था कि उसे सभी पति को स्वीकार करना होगा, क्योंकि उसकी मां ने भी तीन पुरुषों से शादी की थी।
वह यह भी कहती है कि उसे काफी अटेंशन मिलता है और बाकी पत्नियों के मुकाबले अधिक प्यार भी। महिला के पति गुड्डू ने बताया कि, 'हम सभी उसके साथ बारी-बारी से संबंध रखते हैं, लेकिन मैं दूसरों से जलता नहीं हूं।
हम सब एक बड़ी हैप्पी फैमिली हैं।रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरी भारत में हिमालय के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले और तिब्बत में यह प्रथा पाई जाती है। आज के समय में महिलाओं की आबादी में कमी और लड़कों को पत्नियों की तलाश की वजह ने भी इस प्रथा को जिंदा रखा है।'
देहरादून के पास एक गांव में रहने वाली यह फैमिली प्राचीन प्रथा को फॉलो करती है जिसके तहत ऐसा किया जाता रहा है।
पांच पतियों की इस पत्नी का नाम राजो है। राजो की पहली शादी हिन्दू परंपरा से पहले पति गुड्डू के साथ 7 साल पहले हुई थी। इसके बाद उसने 32 साल के बैजू, 28 के संत राम, 26 के गोपाल, 19 के दिनेश से भी शादी की।
सबसे आखिरी में दिनेश से शादी हुई जब राजो की उम्र 18 साल हो गई। पांच भाइयों की पत्नी राजो वर्मा हर रात अलग-अलग भाइयों के साथ रहती है। महिला का जब बेटा हुआ तो उसे यह भी नहीं मालूम चल सका कि उसके पिता कौन हैं।
कई लोगों के लिए भले ही यह प्रथा अजीब हो, लेकिन कुछ स्थानीय लोग इसे नॉर्मल मानते हैं।राजो कहती है कि उसे मालूम था कि उसे सभी पति को स्वीकार करना होगा, क्योंकि उसकी मां ने भी तीन पुरुषों से शादी की थी।
वह यह भी कहती है कि उसे काफी अटेंशन मिलता है और बाकी पत्नियों के मुकाबले अधिक प्यार भी। महिला के पति गुड्डू ने बताया कि, 'हम सभी उसके साथ बारी-बारी से संबंध रखते हैं, लेकिन मैं दूसरों से जलता नहीं हूं।
हम सब एक बड़ी हैप्पी फैमिली हैं।रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरी भारत में हिमालय के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले और तिब्बत में यह प्रथा पाई जाती है। आज के समय में महिलाओं की आबादी में कमी और लड़कों को पत्नियों की तलाश की वजह ने भी इस प्रथा को जिंदा रखा है।'
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