न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप यानी एनएसजी की मेंबरशिप पाने के लिए भारत भरपूर कोशिश कर रहा है। जानकारी के मुताबिक, भारत की मेंबरशिप में अड़ंगा लगा रहे चीन को मनाने के लिए दो दिन पहले फॉरेन सेक्रेटरी चुपचाप चीन गए थे।
दूसरी ओर, रूस ने कहा है कि वो इस मुद्दे पर भारत को सपोर्ट करेगा। बता दें कि एनएसजी देशों की अगली मीटिंग 20 से 24 जून तक सिओल में होगी। इस महीने भारत को रूस-ब्रिटेन समेत पांच देशों का समर्थन हासिल हो चुका है।
एनएसजी मेंबरशिप पर भारत के लिए सपोर्ट मांगने फॉरेन सेक्रेटरी एस. जयशंकर 16-17 जून को चीन गए थे।
फॉरेन मिनिस्ट्री के मुताबिक, जयशंकर की इस ट्रिप का एलान नहीं किया गया था। ये एक तरह की सीक्रेट विजिट थी। जयशंकर ने वहां अपने काउंटरपार्ट से बात की।
फॉरेन मिनिस्ट्री के मुताबिक, जयशंकर की इस ट्रिप का एलान नहीं किया गया था। ये एक तरह की सीक्रेट विजिट थी। जयशंकर ने वहां अपने काउंटरपार्ट से बात की।
हालांकि, इसकी ज्यादा डिटेल्स अभी सामने नहीं आई हैं। विदेश विभाग के स्पोक्सपर्सन विकास स्वरूप के मुताबिक, बाइलेटरल मुद्दों पर चर्चा के लिए जयशंकर चीन गए थे। वहां एनएसजी मेंबरशिप के अलावा कई मसलों पर चर्चा हुई।
ये दूसरी बार है जब जयशंकर ने चीन के साथ एनएसजी मेंबरशिप का मुद्दा उठाया है।
ये दूसरी बार है जब जयशंकर ने चीन के साथ एनएसजी मेंबरशिप का मुद्दा उठाया है।
न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप यानी एनएसजी की मेंबरशिप पाने की कोशिश करे रहे भारत को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। रूस ने साफ कर दिया है कि वो भारत को मेंबरशिप दिए जाने के दावे का समर्थन करेगा। रूस के प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन ने कहा- हम चीन से भी यह जरूर पूछेंगे कि वह भारत की मेंबरशिप का विरोध क्यों कर रहा है?
एक इंटरव्यू के दौरान पुतिन ने भारत के समर्थन की बात कही है। रूस का समर्थन हासिल कर लेना भारत के लिए बहुत बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।
एक लिहाज से देखा जाए तो अब सिर्फ चीन ही ऐसा बड़ा और ताकतवर देश है जो भारत की मेंबरशिप का विरोध कर रहा है।
पुतिन ने कहा- सिओल में होने वाली मीटिंग में हम भारत की मेंबरशिप का मुद्दा उठाएंगे।
इतना ही नहीं, हम मीटिंग के दौरान चीन से ये जरूर जानना चाहेंगे कि वह भारत को इस इलीट ग्रुप का मेंबर बनाए जाने के प्रपोजल का विरोध क्यों कर रहा है?
उन्होंने ये भी कहा कि भारत के अलावा जो दूसरे देश एनएसजी में शामिल होने की कोशिश कर रहे हैं, उनके बारे में भी विचार किया जा सकता है।
पुतिन ने कहा कि किसी भी देश को मेंबरशिप दिए जाने का काम इंटरनेशनल लॉ के दायरे में रहकर ही किया जाना चाहिए। रूसी राष्ट्रपति ने भारत की तारीफ करते हुए ये भी कहा कि न्यूक्लियर सेफ्टी पर वह एक्टिव रोल प्ले करता है।
भारत और अमेरिका के बीच बढ़ती दोस्ती पर पुतिन ने कहा कि इससे रूस और भारत के रिश्तों पर कोई फर्क नहीं पड़ सकता, क्योंकि दोनों बहुत पुराने और अच्छे दोस्त हैं। उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें मोदी की फॉरेन पॉलिसी को लेकर कोई दिक्कत नहीं है।
0 comments:
Post a Comment