नई दिल्ली. भारत जहां एक ओर परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, वहीं चीन इस दिशा में बाधा उत्पन्न करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है।
चीन के आधिकारिक मीडिया ने रविवार को कहा कि यदि नई दिल्ली को इस विशिष्ट समूह में प्रवेश दिया जाता है तो भारत और पाकिस्तान के बीच का ‘परमाणु संतुलन’ बिगड़ जाएगा।
सरकारी ‘ग्लोबल टाइम्स’ में छपे एक लेख में कहा गया है, NSG में भारत का प्रवेश दक्षिण एशिया में रणनीतिक संतुलन को हिला देगा और साथ ही इससे पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता पर संकट के बादल भी मंडराने लगेंगे.'
हालांकि इस लेख में यह भी कहा गया कि चीन 48 सदस्यों वाले परमाणु क्लब में भारत को शामिल किए जाने का स्वागत कर सकता है बशर्ते यह नियमों के साथ हो.
न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप में भारत की एंट्री को लेकर न्यूजीलैंड ने अपना रुख नर्म कर लिया है। दूसरी ओर, तुर्की अब भी पाकिस्तान के साथ नजर आ रहा है।
न्यूजीलैंड ने कहा है कि एनएसजी के मेंबर्स बढ़ाने के लिए एक क्राइटेरिया होना चाहिए और सिर्फ किसी एक देश को इसमें शामिल करने के लिए ग्रुप को नहीं बढ़ाना चाहिए। 48 देशों के ग्रुप एनएसजी की पिछली मीटिंग 9 जून को हुई थी। अगली मीटिंग 24 जून को होगी।
तुर्की ने सीधे तौर पर तो भारत को मेंबरशिप दिए जाने का विरोध नहीं किया लेकिन उसने कहा है कि भारत और पाकिस्तान, दोनों ही देशों की एप्लीकेशन को एक साथ देखा जाना चाहिए।
नवाज शरीफ के फॉरेन अफेयर्स एडवाइजर सरताज अजीज ने तुर्की को उसके स्टैंड के लिए शुक्रिया कहा है। बता दें कि पिछले हफ्ते एनएसजी मेंबर्स की वियना में मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग के बाद खबरें आई थीं कि तुर्की उन चंद देशों में शामिल है जो एनएसजी में भारत को मेंबरशिप दिए जाने का विरोध कर रहे हैं।
न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रिया, आयरलैंड और साउथ अफ्रीका भी भारत को एनएसजी का मेंबर बनाए जाने के फेवर में नहीं हैं क्योंकि भारत ने अब तक एनपीटी पर दस्तखत नहीं किए हैं।
न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रिया से अमेरिकी फॉरेन सेक्रेटरी जॉन केरी ने बात की थी। केरी ने एनएसजी के सभी मेंबर्स को लेटर लिखकर अपील की थी कि वो भारत को मेंबरशिप दिए जाने का समर्थन करें। माना जा रहा है कि इसके बाद ही न्यूजीलैंड के रुख में बदलाव आया है।
सरताज अजीज ने बुधवार तुर्की और ऑस्ट्रिया के फॉरेन मिनिस्टर्स से फोन पर बात की थी। इसके बाद पाकिस्तान की तरफ से एक स्टेटमेंट जारी किया गया। इसमें कहा गया कि पाकिस्तान तुर्की को उसके स्टैंड के लिए शुक्रिया कहता है क्योंकि उसने दोनों देशों को बराबरी का मौका देने की वकालात की है।
अजीज ने अर्जेंटीना की फॉरेन मिनिस्टर सुसाना माल्कोरा से भी बात की थी। इसमें उन्होंने एनपीटी पर दस्तखत का मुद्दा उठाया था। उन्होंने इटली और रूस के फॉरेन मिनिस्टर्स से भी बात की थी।
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