वाराणसी। गंगा तटीय इलाके के आधा दर्जन से अधिक गांवों डाफी, नरायनपुर, नैपुरा, सीर, छित्तूपुर, भगवानपुर, नरोत्तमपुर आदि में पेयजल को लेकर हाहाकार है।
जल स्रोत एक-एक कर धोखा देते जा रहे हैं। कुएं व हैंडपंप सूख चुके हैं। जल निगम की व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। ग्रामीणों का गुस्सा आक्रोश बनकर फूटने लगा है। उधर, जिम्मेदार विभाग के मुलाजिम समस्या का निदान खोजने के बजाय ताव दिखाने से बाज नहीं आ रहे।
शुक्रवार को समस्या से आजिज ग्रामीण डाफी ग्राम प्रधान के घर पहुंचे और नारेबाजी करने लगे। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अजय कुमार पांडेय ग्रामीणों को लेकर जल निगम के पंप पर पहुंचे और पानी की सप्लाई नहीं होने को लेकर समस्या की वजह पूछी। पंप ऑपरेटर जब सटीक जवाब नहीं दे पाया तो ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने मोबाइल फोन पर जेई दीपक पांडेय से बात की।
आरोप है कि जेई ने प्रधान प्रतिनिधि को पंप से चले जाने को कहा। ऐसा नहीं करने पर जेल भेजने की धमकी दी। जेई के व्यवहार से भड़के ग्रामीणों ने मौके पर धरना-प्रदर्शन किया। बाद में उन्होंने जेई के खिलाफ लंका थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। जेई प्रदीप पांडेय का कहना था कि उन्होंने ग्राम प्रधान प्रतिनिधि को धमकी नहीं दी। उन्होंने उन्हें यही बताया कि पंप खराब है। इसे जल्द बना दिया जाएगा और वे भड़क गए।
गांव तीरे के तीन गांवों नैपुरा, नरोत्तमपुर व नरायनपुर के ग्र्रामीणों का आरोप है कि बीते आठ माह से पेयजल आपूर्ति की सरकारी व्यवस्था ठप है। अधिकारी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। अन्य जलस्त्रोतों के भी सूख जाने से इन गांवों में पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है।
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