इस्लामाबाद. न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी की स्मगलिंग के आरोपी पाकिस्तान के पूर्व साइंटिस्ट डॉक्टर अब्दुल कादिर खान ने कहा है कि उनका देश पाकिस्तान के कहूटा से दिल्ली को सिर्फ पांच मिनट में टारगेट कर सकता था।
एक प्रोग्राम के दौरान खान ने ये खुलासा भी किया कि 1984 में पाकिस्तान एक न्यूक्लियर टेस्ट कर सकता था लेकिन सरकार की मंजूरी न मिलने की वजह से इसे टालना पड़ा।
खान पाकिस्तान के न्यूक्लियर ताकत बनने के मौके पर ऑर्गनाइज की गई एक रैली में बोल रहे थे। इस रैली को ‘यौम-ए-तकबीर’ नाम दिया गया था। यह रैली शनिवार शाम ऑर्गनाइज की गई। इस रैली के दौरान खान ने कहा- पाकिस्तान रावलपिंडी के कहूटा न्यूक्लियर सेंटर से भारत की राजधानी दिल्ली को महज पांच मिनट में निशाना बना सकता था।
खान ने एक और खुलासा किया। उन्होंने कहा कि हम 1984 में एक न्यूक्लियर बम टेस्ट करना चाहते थे। लेकिन तब के प्रेसिडेंट जनरल जिया उल हक ने इसकी इजाजत नहीं दी।
खान के मुताबिक, जनरल जिया ने उनसे कहा कि अगर पाकिस्तान इस तरह का कोई टेस्ट करता है तो उसे मिलने वाली विदेशी मदद बंद हो जाएगी और देश संकट में पड़ जाएगा।
खान के मुताबिक, जिया की बात सही भी थी। क्योंकि उस दौर में सोवियत फौजें अफगानिस्तान में जंग लड़ रहीं थीं और पाकिस्तान को अमेरिका की मदद की बदौलत काफी फंड मिल रहा था।
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