नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एमबीबीएस एवं दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए इस साल होने वाली संयुक्त मेडिकल प्रवेश परीक्षा से राज्य बोर्डों को बाहर रखने संबंधी अध्यादेश पर कुछ सवाल उठाने के बाद आज हस्ताक्षर कर दिए ।
सूत्रों ने बताया कि सभी सवालों के समाधान के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के पहुंचने के बाद राष्ट्रपति ने आज सुबह इस अध्यादेश को लागू कर दिया।
राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (NEET) के संदर्भ में राष्ट्रपति ने स्पष्टीकरण मांगा था जिस पर जवाब देने के लिए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी आज सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ राष्ट्रपति सचिवालय में मौजूद थे।
इससे पहले राष्ट्रपति ने अध्यादेश पर कानूनी सलाह मांगी थी। राष्ट्रपति ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से पूछा था कि आखिर क्यों सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से सहमति जताने के बाद अब सरकार इस मामले में पलटी मार रही है।
राष्ट्रपति को दी सलाह में अटॉर्नी जनरल ने सरकार के अध्यादेश पर अपनी सहमति जताई थी।हालांकि प्रबंधन कोटे के तहत केंद्र सरकार के मेडिकल कॉलेजों और निजी संस्थानों में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले छात्रों का एडमिशन नीट के जरिए ही होगा।
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर कोई असमंजस की स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा, नीट को लागू कर दिया गया है। लेकिन राज्य सरकारों की कुछ वैध चिंताएं हैं।
उन्होंने आगे बताया राज्य सरकारों की मुख्य तौर पर तीन चिंताएं हैं - 1. उन राज्यों में चल रही परीक्षाएं, 2. पाठ्यक्रम की समानता और 3. नीट परीक्षा में क्षेत्रीय भाषा में लिखने का विकल्प।
राष्ट्रपति ने NEET अध्यादेश को मंज़ूरी दी,इसी साल से NEET लागू,राज्यों को NEET से एक साल की छूट, राज्य चाहें तो NEET के तहत आ सकते हैं,इस साल से ही प्राइवेट कॉलेज NEET के दायरे में
सूत्रों ने बताया कि सभी सवालों के समाधान के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के पहुंचने के बाद राष्ट्रपति ने आज सुबह इस अध्यादेश को लागू कर दिया।
राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (NEET) के संदर्भ में राष्ट्रपति ने स्पष्टीकरण मांगा था जिस पर जवाब देने के लिए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी आज सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ राष्ट्रपति सचिवालय में मौजूद थे।
इससे पहले राष्ट्रपति ने अध्यादेश पर कानूनी सलाह मांगी थी। राष्ट्रपति ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से पूछा था कि आखिर क्यों सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से सहमति जताने के बाद अब सरकार इस मामले में पलटी मार रही है।
राष्ट्रपति को दी सलाह में अटॉर्नी जनरल ने सरकार के अध्यादेश पर अपनी सहमति जताई थी।हालांकि प्रबंधन कोटे के तहत केंद्र सरकार के मेडिकल कॉलेजों और निजी संस्थानों में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले छात्रों का एडमिशन नीट के जरिए ही होगा।
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर कोई असमंजस की स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा, नीट को लागू कर दिया गया है। लेकिन राज्य सरकारों की कुछ वैध चिंताएं हैं।
उन्होंने आगे बताया राज्य सरकारों की मुख्य तौर पर तीन चिंताएं हैं - 1. उन राज्यों में चल रही परीक्षाएं, 2. पाठ्यक्रम की समानता और 3. नीट परीक्षा में क्षेत्रीय भाषा में लिखने का विकल्प।
राष्ट्रपति ने NEET अध्यादेश को मंज़ूरी दी,इसी साल से NEET लागू,राज्यों को NEET से एक साल की छूट, राज्य चाहें तो NEET के तहत आ सकते हैं,इस साल से ही प्राइवेट कॉलेज NEET के दायरे में
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