वॉशिंगटन. अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया अफगान तालिबान का चीफ मुल्ला अख्तर मंसूर पाकिस्तान में फ्रीक्वेंट फ्लायर था। उसके पास पाकिस्तानी पासपोर्ट था। वह वैलिड वीजा से ईरान और दुबई जाता था।
नौ साल में उसने विदेश दौरों के लिए पाक के दो एयरपोर्ट्स का लगातार इस्तेमाल किया। इस बीच, अमेरिका ने पाकिस्तान को दोबारा वॉर्निंग दी है और आगे भी ड्रोन हमले जारी रखने की बात कही है।
अमेरिका के फॉरेन डिपार्टमेंट के स्पोक्सपर्सन मार्क टोनर ने कहा है, पाकिस्तान में ड्रोन हमले जारी रहेंगे। आतंक में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि, इस बात की जानकारी नहीं है कि पाकिस्तान और ईरान बॉर्डर पर हवाई हमले में मारा गया मुल्ला अख्तर मंसूर क्या ईरान से आ रहा था?
मार्क ने कहा, हम पाकिस्तान के संपर्क में हैं और हवाई हमलों के बारे में बातचीत कर रहे हैं। मुल्ला मंसूर तालिबान के साथ बातचीत रोक रहा था और उसकी मौत से ये मैसेज जाएगा कि हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। इससे पहले पाकिस्तान ने अपने क्षेत्र में अमेरिकी हवाई हमले पर कड़ा एतराज जताया था।
पाक ने यूएस एंबेसडर डेविड हेल को सम्मन भेजा था और ड्रोन हमले को देश की संप्रभुता का उल्लंघन बताते हुए चिंता जाहिर की थी।
मंसूर की जली हुई कार के पास से मोहम्मद वली के नाम पर एक पासपोर्ट और कम्प्यूटराइज्ड नेशनल आइडेंटिटी कार्ड उसके पास से पाकिस्तानी पासपोर्ट था और वो वैलिड वीजा पर ईरान और दुबई जाता रहता था।उसे पहली बार पासपोर्ट 2006 में क्वेटा पासपोर्ट ऑफिस से जारी हुआ था।
फिर अक्टूबर 2011 में दोबारा जारी हुआ, जो अक्टूबर 2016 तक वैलिड था। 2002 में क्वेटा से आईडी कार्ड जारी हुआ, जिसे कराची से रिन्यू कराया गया था।
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