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सिंहस्थ : लक्ष्मी बनीं किन्नरों की पहली महामंडलेश्वर

 उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में सोमवार को किन्नर अखाड़े को उसकी पहली महामंडलेश्वर मिल गई। मुंबई की लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को देशभर से आए किन्नरों ने अपना महामंडलेश्वर चुनकर पट्टाभिषेक किया। इसके बाद लक्ष्मी ने 5 किन्नरों को पीठाधीश और 5 को महंत भी नियुक्त किया।
देश में 13 अखाड़े ही राष्ट्रीय अखाड़ा परिषद से मान्यता प्राप्त हैं।  अखाड़ा परिषद के सचिव हरिगिरी जी महाराज के मुताबिक, परिषद ने किन्नर और महिलाओं के परी अखाड़े को मान्यता नहीं दी है। उन्होंने कहा कि कोई अपनी मर्जी से किसी को महामंडलेश्वर नहीं बना सकता। 

अखाड़ा परिषद लक्ष्मी किन्नर को महामंडलेश्वर की उपाधि देने का विरोध करता है। बता दें कि सिंहस्थ की शुरुआत से पहले ही से किन्नर अखाड़े को लेकर विवाद सामने आते रहे हैं।  किन्नर अखाड़े ने एक किन्नर शैली राय पर कदाचरण का आरोप लगाते हुए उसे अखाड़े से बाहर कर दिया था।

 ठाणे में जन्मीं लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी हाईप्राेफाइल किन्नर हैं।  वे 'सच का सामना' और सलमान खान के रिएलिटी शो 'बिग बॉस' में भी हिस्सा ले चुकी हैं। उनकी लिखी किताब 'मी हिजड़ा, मी लक्ष्मी' देशभर में चर्चा का विषय रही है। अब इस किताब का अंग्रेजी अनुवाद भी आने वाला है।

 लक्ष्मी हिजड़ों पर केंद्रीत एक फिल्म 'उपेक्षा' प्रोड्यूस कर रही हैं। इसमें राखी सावंत लीड रोल में होंगी। लक्ष्मी शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम में भी पारंगत हैं। वे किन्नरों के हक के लिए काफी एक्टिव हैं और कई एनजीओ से जुड़ी हैं।महामंडलेश्वर बनने के बाद 5 शहरों से आए किन्नरों को पीठाधीश्वर बनाया गया। 

लक्ष्मी ने जयपुर की पुष्पा गुरु, बड़ौदा की पायल गुरु, नलखेड़ा की पीतांबरा, नासिक की पायल गुरु और दिल्ली की किन्नर गुरु को पीठाधीश की पदवी दी।  इनके अलावा 5 किन्नरों को महंत भी बनाया गया।  लक्ष्मी ने कहा कि हमें किसी अखाड़े से मान्यता की जरुरत नहीं है ,किन्नरों को प्रकृति ने मान्यता दी है। 

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