उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल में सिंहस्थ महापर्व के दौरान करोड़ों लोग दर्शन के लिए पहुंचे। इसके चलते लड्डू प्रसादी, रजत सिक्के सहित विशेष दर्शन पास से मंदिर प्रबंध समिति को 9 करोड़ 19 लाख 18 हजार 647 रुपए की आय हुई है। आमतौर पर इतनी राशि राजा के खजाने में आधे साल में जमा होती है।
वित्तीय वर्ष 2015-16 में मंदिर को विभिन्न् मदों से 17 करोड़ रुपए की आय प्राप्त हुई थी। सहायक प्रशासक प्रीति चौहान ने बताया सिंहस्थ में महाकाल के लड्डू प्रसाद व सिक्कों की विशेष मांग रही।
देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं ने प्रसाद खरीदा। मंदिर के प्रसाद काउंटरों से पूरे माह सतत् बिक्री जारी रही। समिति को लड्डू व भस्म प्रसाद के साथ चांदी के सिक्कों के विक्रय से 3 करोड़ 22 लाख 69 हजार 770 रुपए प्राप्त हुए।
इसी प्रकार विशेष दर्शन पास से 2 करोड़ 90 लाख 74 हजार 500 रुपए, अभिषेक की रसीद से 1 करोड़ 5 लाख 93 हजार 266 रुपए, भेंट पेटी से 2 करोड़ 81 लाख 83 हजार 157 रुपए, अन्नक्षेत्र में आए दान से 5 लाख 1 हजार 473 रुपए तथा धर्मशाला के कमरों की बुकिंग से 29 लाख 6 हजार 481 रुपए प्राप्त हुए हैं।
महाकाल मंदिर में 26 मई के बाद से भस्मारती तथा धर्मशाला की ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो जाएगी। पुलिस चौकी के समीप बुकिंग काउंटर से भक्त ऑफलाइन सेवा का लाभ ले सकेंगे। मंदिर प्रशासक आरपी तिवारी ने बताया जल्द ही नि:शुल्क जूता-चप्पल स्टैंड व क्लॉक रूम की सुविधाएं भी सुचारू होंगी।
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