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सिंहस्थ : शिप्रा नदी पहले कभी इतनी साफ नहीं थी, जितनी अब है

उज्‍जैन।  लगातार चौथे सिंहस्थ में जनसेवा कर रहे जिला संघ स्काउटर प्रतिनिधि अनिल सक्सेना बताते हैं कि शिप्रा नदी पहले कभी इतनी साफ नहीं थीं, जितनी अब है। उनकी ड्यूटी रामघाट क्षेत्र में लगाई गई है। 
लोग वाकई अमृत स्नान कर रहे है। जितनी जनसुविधाएं सरकार ने इस सिंहस्थ में जुटाई है, उतनी पहले कभी नहीं जुटाई गईं। पहले की पेशवाई में इतनी भव्यता के दर्शन नहीं होते थे, जितने अब हो रहे।
सिंहस्थ-2004 में पूरे मेले के दौरान श्रद्धालुओं की जबर्दस्त भीड़ थीं, जो अब दुनियाभर में प्रचार-प्रसार होने पर भी नहीं है। पहले अधिकांश साधु-संत साधना करते दिखाई देते थे, अब कुछेक में गुस्से और योग का आडंबर भी नजर आ रहा है।

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