जैसलमेर को ‘गोल्डन सिटी’ भी कहा जाता है। राजस्थान के शाही महलों और लड़ने वाले ऊंटों के साथ एक रेतीले रेगिस्तान यहां के आकर्षण का प्रतीक है। यह विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल महान थार रेगिस्तान के बीच में स्थित है। जैसलमेर जिले के प्रशासनिक मुख्यालय के रूप में सेवारत होने के साथ, यह पाकिस्तान, बीकानेर, बाड़मेर और जोधपुर की सीमाओं से लगा है। यह सुनहरा शहर राज्य की राजधानी जयपुर से साढ़े पांच सौ किमी दूर है। शहर के संस्थापक राव जैसल ने 12 वीं सदी के दौरान जैसलमेर पर शासन किया। उनके नाम पर इस शहर का नाम जैसलमेर पड़ा।
जैसलमेर राजस्थानी लोक संगीत और नृत्य के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। सैम रेत टिब्बा पर रेगिस्तान त्योहार के अवसर पर सबसे कामुक नृत्य ‘कालबेलिया’ यहाँ रहने वाले जनजातियों द्वारा किया जाता है। यह फरवरी के महीने में आयोजित होने वाला तीन दिन का सालाना पर्व है। ऊंट दौड़, पगड़ी बांधना, और सबसे अच्छी मूँछ की प्रतियोगितायें दूर – दराज क्षेत्रों से पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। इसके अलावा, शिविर लगाना, अलाव जलाना, और महान थार रेगिस्तान में ऊंट सफारी जैसलमेर आये यात्रियों को एक अविस्मरणीय अनुभव देता है।
जैसलमेर की छुट्टी की योजना बना रहे पर्यटक राजस्थान के जनजातीय भोजन को चख सकते हैं। लजीज मुर्ग-ए-सब्ज (कटी हुई सब्जियों के साथ हड्डी रहित चिकन का रसीला फ्राई व्यंजन) यहाँ पर्यटकों के बीच सबसे लोकप्रिय डिश है। स्वादिष्ट केर संगरी (रेगिस्तानी सेम और केपर्स) जैसलमेर में अद्वितीय है। पर्यटक भनोन आलू (मिन्ट पेस्ट के साथ और रस में उबला भरवा आलू) और कढ़ी पकोड़ा (दही सॉस में पकी आटा की पकौड़ी) का बी आनंद जैसलमेर के रेस्तरां में दिलवा सकते हैं।राजस्थान के किसी भी रेगिस्तानी शहर की तरह जैसलमेर भी शाही किलों, हवेलियों, महलों, संग्रहालयों और मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। जैसलमेर किला यहां की शान है।
गोल्डन सिटी का ये सबसे प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण है। अस्त होता सूरज इस पीले बलुआ पत्थर के किले को सुनहरे रंग से पोत देते हैं इसलिए इसे ‘सोनार किला’ या ‘स्वर्ण किला’ भी कहा जाता है। इस किले में कई दरवाजे हैं जिन्हें अखाई पोल, हवा पोल, सूरज पोल और गणेश पोल के रूप में जाना जाता है। किले की राजपूत और मुगल स्थापत्य कला की संलयन शैली पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करती है। आगंतुक यहाँ विभिन्न शाही महल, सात जैन मंदिरों और कई कुओं को देख सकते हैं। सात जैन मंदिरों में शांतिनाथ मंदिर, चन्द्रप्रभू मंदिर और शीतलनाथ मंदिर सबसे लोकप्रिय धार्मिक स्थल हैं।
जैसलमेर किला परिसर के अंदर स्थित महाराजा का पैलेस या जैसलमेर फोर्ट पैलेस संग्रहालय और विरासत केंद्र, शहर के प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण हैं। पर्यटक महल की छत से पूरे शहर के एक दृश्य का आनंद ले सकते हैं। चांदी का राज्याभिषेक सिंहासन, बिस्तर, बर्तन, स्थानीय टिकटें, नोटें, और शाही परिवार की मूर्तियां इस महल के मुख्य आकर्षण हैं।जैसलमेर में 180 साल पुराना अकाल लकड़ी का जीवाश्म पार्क भी देखने लायक एक प्रसिद्ध स्थल है।
विशाल पेड़ के जीवास्म और प्राचीन समुद्री शंख इस पार्क के मुख्य आकर्षण हैं।पर्यटक हैरियर, बुज़र्ड, धब्बेदार चील और छोटे पंजे वाली चील, गिद्ध, एक प्रकार का छोटा बाज, बड़े बाज और रेत में गुनगुनाने वाले जीव को जैसलमेर के डेजर्ट नेशनल पार्क में देख सकते हैं। यह अनूठा पार्क राजस्थान की लुप्तप्राय राज्य पक्षी, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड का प्राकृतिक निवास स्थान है। पार्क की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय नवंबर और जनवरी के महीने के बीच का है। नाथमलजी की हवेली, सलीम सिंह की हवेली, पतवों की हवेली, श्रीनाथ हवेली, मानक चौक और अन्य हवेलियाँ अपनी अनूठी स्थापत्य शैली के लिए प्रसिद्ध हैं।
जैसलमेर पर आये यात्रियों को मूल सागर, गोपा चौक, जैसलमेर लोक कला संग्रहालय, ताजिया टावर, गदसीसर झील, बड़ा बाग, कुरी रेत टिब्बा, सैम रेत टिब्बा और कुलधारा जरूर जाना चाहिये।
जैसलमेर वायु, रेल और सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहंचा जा सकता है। जोधपुर हवाई अड्डा शहर के लिए निकटतम घरेलू एयरबेस है। यह हवाई अड्डा नियमित तौर पर दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, मुंबई और बेंगलुरु जैसे प्रमुख भारतीय शहरों से जुड़ा हुआ है। प्री – पेड टैक्सियाँ जोधपुर हवाई अड्डे से जैसलमेर के लिए उपलब्ध हैं। यात्री गाड़ियों द्वारा भी जैसलमेर तक पहुँच सकते हैं। जैसलमेर रेलवे स्टेशन कई गाड़ियों द्वारा जोधपुर और अन्य प्रमुख भारतीय शहरों से जुड़ा है। जैसलमेर के लिए डीलक्स और सेमी-डीलक्स बसें भी जयपुर, अजमेर, बीकानेर और दिल्ली से चलती हैं।
जैसलमेर राजस्थानी लोक संगीत और नृत्य के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। सैम रेत टिब्बा पर रेगिस्तान त्योहार के अवसर पर सबसे कामुक नृत्य ‘कालबेलिया’ यहाँ रहने वाले जनजातियों द्वारा किया जाता है। यह फरवरी के महीने में आयोजित होने वाला तीन दिन का सालाना पर्व है। ऊंट दौड़, पगड़ी बांधना, और सबसे अच्छी मूँछ की प्रतियोगितायें दूर – दराज क्षेत्रों से पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। इसके अलावा, शिविर लगाना, अलाव जलाना, और महान थार रेगिस्तान में ऊंट सफारी जैसलमेर आये यात्रियों को एक अविस्मरणीय अनुभव देता है।
जैसलमेर की छुट्टी की योजना बना रहे पर्यटक राजस्थान के जनजातीय भोजन को चख सकते हैं। लजीज मुर्ग-ए-सब्ज (कटी हुई सब्जियों के साथ हड्डी रहित चिकन का रसीला फ्राई व्यंजन) यहाँ पर्यटकों के बीच सबसे लोकप्रिय डिश है। स्वादिष्ट केर संगरी (रेगिस्तानी सेम और केपर्स) जैसलमेर में अद्वितीय है। पर्यटक भनोन आलू (मिन्ट पेस्ट के साथ और रस में उबला भरवा आलू) और कढ़ी पकोड़ा (दही सॉस में पकी आटा की पकौड़ी) का बी आनंद जैसलमेर के रेस्तरां में दिलवा सकते हैं।राजस्थान के किसी भी रेगिस्तानी शहर की तरह जैसलमेर भी शाही किलों, हवेलियों, महलों, संग्रहालयों और मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। जैसलमेर किला यहां की शान है।
गोल्डन सिटी का ये सबसे प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण है। अस्त होता सूरज इस पीले बलुआ पत्थर के किले को सुनहरे रंग से पोत देते हैं इसलिए इसे ‘सोनार किला’ या ‘स्वर्ण किला’ भी कहा जाता है। इस किले में कई दरवाजे हैं जिन्हें अखाई पोल, हवा पोल, सूरज पोल और गणेश पोल के रूप में जाना जाता है। किले की राजपूत और मुगल स्थापत्य कला की संलयन शैली पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करती है। आगंतुक यहाँ विभिन्न शाही महल, सात जैन मंदिरों और कई कुओं को देख सकते हैं। सात जैन मंदिरों में शांतिनाथ मंदिर, चन्द्रप्रभू मंदिर और शीतलनाथ मंदिर सबसे लोकप्रिय धार्मिक स्थल हैं।
जैसलमेर किला परिसर के अंदर स्थित महाराजा का पैलेस या जैसलमेर फोर्ट पैलेस संग्रहालय और विरासत केंद्र, शहर के प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण हैं। पर्यटक महल की छत से पूरे शहर के एक दृश्य का आनंद ले सकते हैं। चांदी का राज्याभिषेक सिंहासन, बिस्तर, बर्तन, स्थानीय टिकटें, नोटें, और शाही परिवार की मूर्तियां इस महल के मुख्य आकर्षण हैं।जैसलमेर में 180 साल पुराना अकाल लकड़ी का जीवाश्म पार्क भी देखने लायक एक प्रसिद्ध स्थल है।
विशाल पेड़ के जीवास्म और प्राचीन समुद्री शंख इस पार्क के मुख्य आकर्षण हैं।पर्यटक हैरियर, बुज़र्ड, धब्बेदार चील और छोटे पंजे वाली चील, गिद्ध, एक प्रकार का छोटा बाज, बड़े बाज और रेत में गुनगुनाने वाले जीव को जैसलमेर के डेजर्ट नेशनल पार्क में देख सकते हैं। यह अनूठा पार्क राजस्थान की लुप्तप्राय राज्य पक्षी, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड का प्राकृतिक निवास स्थान है। पार्क की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय नवंबर और जनवरी के महीने के बीच का है। नाथमलजी की हवेली, सलीम सिंह की हवेली, पतवों की हवेली, श्रीनाथ हवेली, मानक चौक और अन्य हवेलियाँ अपनी अनूठी स्थापत्य शैली के लिए प्रसिद्ध हैं।
जैसलमेर पर आये यात्रियों को मूल सागर, गोपा चौक, जैसलमेर लोक कला संग्रहालय, ताजिया टावर, गदसीसर झील, बड़ा बाग, कुरी रेत टिब्बा, सैम रेत टिब्बा और कुलधारा जरूर जाना चाहिये।
जैसलमेर वायु, रेल और सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहंचा जा सकता है। जोधपुर हवाई अड्डा शहर के लिए निकटतम घरेलू एयरबेस है। यह हवाई अड्डा नियमित तौर पर दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, मुंबई और बेंगलुरु जैसे प्रमुख भारतीय शहरों से जुड़ा हुआ है। प्री – पेड टैक्सियाँ जोधपुर हवाई अड्डे से जैसलमेर के लिए उपलब्ध हैं। यात्री गाड़ियों द्वारा भी जैसलमेर तक पहुँच सकते हैं। जैसलमेर रेलवे स्टेशन कई गाड़ियों द्वारा जोधपुर और अन्य प्रमुख भारतीय शहरों से जुड़ा है। जैसलमेर के लिए डीलक्स और सेमी-डीलक्स बसें भी जयपुर, अजमेर, बीकानेर और दिल्ली से चलती हैं।
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