नई दिल्ली: भारतीय बैंकों से तकरीबन 9000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर लंदन भागे चुके शराब उद्योगपति विजय माल्या ने आज राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। माल्या अपना इस्तीफा राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को भेजा दिया है। उन्होंने अपना यह इस्तीफा कमेटी के नोटिस के जवाब में भेजा है।
राज्यसभा की आचार समिति द्वारा अपने निष्कासन की सिफारिश किए जाने से एक दिन पहले निर्दलीय सांसद और शराब उद्योगपति विजय माल्या ने आज उच्च सदन (राज्यसभा) से इस्तीफा दे दिया। वह 9,400 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज की अदायगी नहीं करने के मामले का सामना कर रहे हैं।
राज्यसभा की आचार समिति द्वारा अपने निष्कासन की सिफारिश किए जाने से एक दिन पहले निर्दलीय सांसद और शराब उद्योगपति विजय माल्या ने आज उच्च सदन (राज्यसभा) से इस्तीफा दे दिया। वह 9,400 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज की अदायगी नहीं करने के मामले का सामना कर रहे हैं।
राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को लिखे अपने इस्तीफा पत्र में माल्या ने कहा है कि वह नहीं चाहते कि उनके नाम और छवि की और अधिक मिट्टी पलीद हो। उन्होंने पत्र में कहा, ‘और चूंकि हालिया घटनाक्रम से जाहिर होता है कि मुझे निष्पक्ष सुनवाई या न्याय नहीं मिलेगा, इसलिए मैं राज्यसभा की सदस्यता से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं।’ उन्होंने राज्यसभा की आचार समिति के अध्यक्ष करन सिंह द्वारा उन्हें लिखे गए पत्र का भी जिक्र किया और कहा कि उन्होंने सिंह को जवाब दे दिया है।
यह राज्यसभा में माल्या का दूसरा कार्यकाल है और यह एक जुलाई को समाप्त होने वाला था। मामले पर गौर करने वाली उच्च सदन की आचार समिति ने 25 अप्रैल की अपनी बैठक में आमराय से फैसला किया कि माल्या को अब सदन का सदस्य नहीं रहना चाहिए और यह तीन मई की अगली बैठक में उन्हें निष्कासित करने की सिफारिश करने की योजना बना रही थी। इसके साथ ही समिति ने माल्या को अपने व्यवहार को स्पष्ट करने के लिए एक हफ्ते का समय देने का फैसला किया।
गौरतलब है कि सरकार ने एक हफ्ता पहले माल्या का पासपोर्ट रद्द कर दिया था। दो मार्च को भारत छोड़ने के बाद उनके ब्रिटेन में रहने की बात मानी जा रही है। माल्या ने अपने दो कार्यकाल के दौरान मिले सहयोग को लेकर राज्यसभा के सभापति और सदन में अपने सहकर्मियों का भी शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि उन्हें समिति के अध्यक्ष करन सिंह से 25 अप्रैल को लिखा एक पत्र मिला जिसमें यह कहा गया था कि राज्य सभा के सभापति ने माल्या द्वारा बैंक कर्ज की कथित अदायगी नहीं करने के सिलसिले में समिति को एक पत्र भेजा है। यह कर्ज माल्या की संपत्ति या देनदारियों की घोषणा में प्रदर्शित नहीं किया गया था। माल्या ने कहा कि पत्र में आगे कहा गया है कि कथित तौर पर हाल ही में हुई एक बैठक में आचार समिति ने आमराय से महसूस किया कि उन्हें राज्यसभा से निकाल देना चाहिए।
0 comments:
Post a Comment