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देश के सबसे बड़े गोला-बारूद डिपो में आग, 20 जवानों की मौत

मुंबई/वर्धा.    महाराष्ट्र के पुलगांव में सेना के सेंट्रल एम्युनिशन डिपो में आग लगने से 2 अफसरों समेत 20 की मौत हो गई। ये सभी डिफेंस सिक्युरिटी कोर के अफसर-जवान थे। हादसे में 19 अन्य घायल हैं। आसपास के 6-7 गांवों को खाली कराया गया है।

 करीब 1 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। आधी रात के बाद लगी आग पर काबू पाने की कोशिशें जारी हैं। यह भारत का सबसे बड़ा और एशिया का दूसरा बड़ा गोला-बारूद डिपो है। 

 डिपो से अभी भी यहां रुक-रुक कर धमाकों की आवाज आ रही है। वर्धा के पास डिपो जहां है वह नागपुर से 110 किमी दूर है।सेवाग्राम और सवांगी के डॉक्टरों को अलर्ट पर रखा गया है। डिफेंस ऑफिसर्स के मुताबिक एम्युनिशन डिपो के एक शेड में आग लगी है। हालांकि, जहां से आग शुरू हुई थी उसे बुझा लिया गया है।

 अधिकारियों ने कुछ और जगहों पर आग भड़कने और धमाकों की आशंका से इंकार नहीं किया है। आग के कारणों का पता लगाने के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) बना दी गई है। 

 बता दें पुलगांव का सेंट्रल एम्युनिशन डिपो देश के सबसे बड़े गोलाबारूद और हथियार डिपो में से एक है।डिफेंस मिनिस्टर मनोहर पर्रिकर यहां का दौरा कर सकते हैं। सेना चीफ दलबीर सिंह भी वर्धा जाएंगे।

डिपो में लगी को बुझाने की कोशिश में जिन दो अफसरों की जान चली गई, उनमें लेफ्टिनेंट कर्नल आरएस पवार और मेजर मनोज शामिल हैं।

नरेंद्र मोदी ने हादसे पर कहा,पुलगांव में आग लगने की घटना से मैं दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति है। मैंने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मौके पर जाने और जायजा लेने को कहा है।

कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी और वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने हादसे पर अफसोस जताया है।महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हादसे पर अफसोस है। हम पूरी तरह मदद मुहैया करा रहे हैं। आग को काबू किया जा रहा है।

पुलगांव का सेंट्रल एम्युनिशन डिपो 28 किमी इलाके में फैला है। इसकी सिक्युरिटी का जिम्मा डिफेंस सिक्युरिटी कोर (DSC) के पास होता है। मेन डिपो में आग लगने के बाद 15 किमी के दायरे में आने वाले गांवों को खाली करा लिया गया।

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