नयी दिल्ली : झारखंड में आरएसएस ने संगठन की ओर से लोगों को हुनरमंद और तकनीकि रूप से कौशल करने का कार्यक्रम चलाया है जो मुस्लिमों और ईसाई समाज में बेहद लोकप्रिय हो रहा है. आरएसएस को अब संप्रादायिक या कट्टर संगठन कहने के लिए एक बार उसके कार्यप्रणाली पर लोगों को विचार करना होगा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अब सामाजिक क्षेत्र में अपने सेवा कार्यों के विस्तार को अंजाम दे रहा है.क्योंकि आरएसएस से जुड़े उसके संगठनों ने सेवा धर्म हमारा सर्वे संतु निरामया का परिचय दिया है
आरएसएस के यह कार्य लोगों को सीधे रोजगार से जोड़ रहे हैं. यह कार्यक्रम अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों द्वारा काफी पसंद किया जा रहे हैं.जहां का एक गांव अपराध के लिए बदनाम था और वहां के अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं के पास रोजगार का कोई साधन नहीं था. इसलिए वहां के युवा अपराध के दलदल में फंसकर अपना जीवन तबाह कर लेते थे. जानकारी के मुताबिक आरएसएस के क्षेत्रिए संघ के अधिकारी सिद्धिनाथ सिंह ने एक अभियान चलाकर गांव के 300 से ज्यादा युवाओं को हुनरमंद और तकनीकि रूप से कौशल युक्त कर दिया. उसके बाद उनके सपनों और इरादों को पंख लग गये.
0 comments:
Post a Comment