मुंबई(महाराष्ट्र). शनि शिंगणापुर मंदिर में सदियों पुरानी परंपरा तोड़ने जा रही महिलाओं को पुलिस ने अहमदनगर से 75 किलोमीटर पहले रोक दिया। फिलहाल महिलाएं सड़क पर ही धरना दे रही हैं। इस कैंपेन को लीड कर रहीं तृप्ति देसाई को हिरासत में लेने की भी खबर है। करीब 700 महिलाएं शनि देव को तेल चढ़ाने के लिए मंगलवार को 6 बसों में पुणे से शिंगणापुर के लिए निकली थीं।
परंपरा के मुताबिक, शनि मंदिर में 400 साल से किसी महिला को शनि देव के चबूतरे पर जाकर तेल चढ़ाने या पूजन करने की इजाजत नहीं है। ट्रस्ट की मानें तो बॉम्बे हाईकोर्ट भी इसे सही ठहरा चुका है।
29 नबंवर, 2015 को एक महिला के शनिदेव के चबूतरे पर जाकर पूजा करने के बाद काफी विवाद हुआ। शिंगणापुर में पंचायत हुई और मंदिर का शुद्धिकरण किया गया था।
वहीं, भूमाता ब्रिगेड और अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की मेंबर रंजना गवांदे ने इसे शनि मंदिर में क्रांतिकारी घटना बताकर स्वागत किया था।
15 साल पहले भी शनि मंदिर पूजा को लेकर महिलाओं ने आवाज बुलंद की थी। तब जाने-माने रंगकर्मी डॉ. श्रीराम लागू इस मुहिम से जुड़े थे। मंदिर में पूजा के एलान के बाद गांव के लोगों ने मीटिंग बुलाई। भूमाता ब्रिगेड की महिलाओं को रोकने के लिए गांव की महिलाओं ने भी मोर्चा खोल दिया है।
ग्राम प्रधान बालासाहेब बानकर ने कहा, ''अगर भूमाता ब्रिगेड की महिलाएं परंपरा तोड़ती हैं, तो इसके लिए एडमिनिस्ट्रेशन और पुलिस जिम्मेदार होगी।''बानकर के मुताबिक, ''शिंगणापुर मंदिर के चबूतरे पर महिलाओं के नहीं जाने की परंपरा सदियों पुरानी है। ये उनका अपमान नहीं शास्त्रों के मुताबिक है।' दूसरी ओर गांव की कुछ महिलाएं भी पूजा करने की जिद पर अड़े महिला ऑर्गेनाइजेशन के खिलाफ मैदान में उतर आई हैं। अहमदनगर के एसपी सौरभ त्रिपाठी ने कहा है कि तनाव को देखते हुए मंदिर के आसपास धारा 144 लगाई है। शिंगणापुर में एक जगह पर महिलाएं जमा नहीं हो सकती हैं, इसके चलते ज्यादा पुलिस फोर्स तैनात की गई।
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