नई दिल्ली. क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस 1966 में रूस के ताशकंद में थे? क्या उस वक्त वे पीएम लाल बहादुर शास्त्री के साथ मौजूद थे? कुछ ऐसे ही सवाल एक फोटो काे लेकर उठ रहे हैं। यह फोटो नेताजी को मृत घोषित किए जाने के 21 साल की बाद है। ब्रिटिश एक्सपर्ट ने फोटो मैपिंग कर इसमें शास्त्री के पीछे नेताजी जैसा शख्स खड़ा होने का दावा किया है।
ऐसा माना जाता है कि नेताजी की मौत 18 अगस्त, 1945 को ताइपे में हुई थी। जबकि शास्त्री की मौत ताशकंद दौरे के दौरान 11 जनवरी, 1966 में हुई थी।
डीएनए की रिपोर्ट के मुताबिक, यह दावा किया जा रहा है कि फोटो में नेताजी जैसी शक्ल-ओ-सूरत वाला शख्स शास्त्री जी के पीछे खड़ा नजर आ रहा है। फोटो लेकर ब्रिटिश एक्सपर्ट का दावा है कि शास्त्री जी के साथ दिख रहे यह शख्स नेताजी सुभाष चंद्र बोस हो सकते हैं। नेताजी के जुड़े मामलों में रिसर्च कर रहे ब्रिटिश एक्सपर्ट नील मिलर ने फॉरेंसिक टूल्स के तहत फेस मैपिंग टेक्नीक का इस्तेमाल कर इस फोटो को खोजा है। उन्होंने इस फोटो को ताशकंद में नेताजी के मौजूद होने के सबूत के तौर पर पेश किया है।
ब्रिटिश एक्सपर्ट ने अपनी फॉरेंसिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वे रूसी प्रेसिडेंट व्लादीमिर पुतिन पर नेताजी से जुड़े सच का खुलासा करने का दवाब डालें। गौरतलब है कि पीएम मोदी इसी महीने रूस के दौरे पर जा रहे हैं।
ब्रिटिश एक्सपर्ट के दावे में मुताबिक अगर यह फोटो नेताजी की है तो इससे दो बातें साबित होती हैं। नेताजी की मौत 1945 में हुए प्लेन हादसे में नहीं हुई थी। रूसी नेता स्टालिन ने 1950 की शुरुआत में उनका मर्डर कराया था, यह भी गलत साबित हो जाएगा।
ब्रिटिश हाईकोर्ट और इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में नेताजी से जुड़े मामलों में अपनी राय देने वाले एक्सपर्ट नील मिलर का कहना है कि शास्त्री के साथ फोटो में दिखाई दे रहा शख्स और सुभाषचंद्र बोस दोनों एक ही हैं। फेस मैपिंग का रिजल्ट इस बात को कन्फर्म करता है।
शास्त्री जी के पोते संजय नाथ का दावा है कि शास्त्री जी की मौत से महज एक घंटे पहले ही शास्त्री जी ने किसी के साथ फोन पर बात की थी। उन्होंने फोन पर उस शख्स से कहा था कि वे भारत लौटकर एक ऐसा खुलासा करेंगे, जिससे विपक्षी दल बाकी सब कुछ भूल जाएंगे। संजय नाथ, शास्त्री जी की मौत के वक्त महज 9 साल के थे।
शास्त्री जी के परिवार के सदस्य पहले भी यह दावा कर चुके हैं कि ताशकंद दौरे के दौरान शायद उनकी नेताजी से ही बात हुई हो।
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