राजस्थान के सुभाष नगर में शुक्रवार शाम एक अजीबोगरीब नजारा देखने को मिला. यहां एक बंदर ने शिवलिंग के चारों ओर चक्कर लगाए और फिर शिवलिंग पर ही सिर रखकर अपने प्राण त्याग दिए.
दरअसल, एक बंदर कहीं से घूमता-फिरता मां लालता देवी मंदिर में पहुंचा और भगवान शंकर की प्रतिमा पर सिर रखकर लेट गया, जहां उसी हालत में उसके प्राण निकल गए.
इसको दैवीय भक्ति मानकर मोहल्ले के लोगों ने विधि-विधान के साथ मृत बंदर की शव यात्रा निकालकर अंतिम संस्कार किया. शहर के मोहल्ला सुभाष नगर कॉलोनी वासियों ने बताया कि कॉलोनी में स्थित मां लालता देवी मंदिर में शुक्रवार शाम तीन बजे के आसपास एक घायल बंदर कहीं से आ गया.
वह मंदिर के अंदर स्थापित भगवान भोलेनाथ की शिवलिंग के चारों तरफ चक्कर काटने लगा. ये देख कर मोहलेवालों की भीड़ जमा हो गई. शिवलिंग के चार-पांच चक्कर लगाने के बाद घायल बंदर शिवलिंग पर अपना सिर रख कर लेट गया. काफी देर होने के बाद देखने बालों ने बंदर पर पानी डाल कर वहां से उसे भगाना चाहा, मगर बंदर नहीं भागा और शिवलिंग पर ही सिर रख कर लेटा रहा.
मंदिर के पुजारी की माने तो रात लगभग दस या ग्यारह बजे के आस पास बंदर ने वहीं लेटे-लेटे अपने प्राण त्याग दिए. सुबह मंदिर में बंदर को देखने के लिए महिलाओं और बच्चों की लंबी कतारें लगने लगीं. एक बंदर को शिवलिंग पर सर रखकर प्राण त्यागने का ये अनूठा रूप देख कर लोगों ने पैसे जमाकर बालाजी के स्वरुप बंदर का अंतिम संस्कार करने की तैयारी की और बकायदा इंसान के अंतिम संस्कार की तरह ही उसका अंतिम संस्कार गर्रा नदी किनारे खेतों में बने बालाजी धाम में कर दिया.
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