नई दिल्ली : नेशनल हेराल्ड मामले की पृष्ठभूमि में संसद के दोनों सदनों में कांग्रेस के सदस्यों ने सरकार पर ‘प्रतिशोध की राजनीति’ करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को जमकर हंगामा किया जिसके कारण कई बार के स्थगन के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही करीब सवा तीन बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी। सरकार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर आरोप लगाया कि वह सदन की कार्यवाही में बाधा डाल रही हैं और इसकी वजह भी बताने को तैयार नहीं हैं।
कांग्रेस और सत्तापक्ष दोनों ओर से हालांकि नेशनल हेराल्ड मामले का सीधा उल्लेख नहीं किया गया। राजनीतिक प्रतिशोध के कांग्रेस के आरोप को अस्वीकार करते हुए सरकार ने कहा कि ‘न्यायालय में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है।’ सदन के भीतर कांग्रेस की रणनीति संबंधी समिति की बैठक के बाद सोनिया गांधी ने संसद भवन परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री का जिक्र करते हुए संवाददाताओं से कहा, मैं इंदिरा गांधी की बहू हूं। मैं किसी से डरती नहीं हूं।’ उनसे संवाददाताओं ने नेशनल हेराल्ड मामले में उनके खिलाफ दिल्ली की एक अदालत द्वारा जारी समन को रद्द करने की अपील को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा नामंजूर किए जाने को लेकर सवाल किया था।
कांग्रेस अध्यक्ष की यह टिप्पणी ऐसे समय में आयी है जब मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी और अन्य की इस मामले में आज भर के लिए पेशी से छूट संबंधी याचिका को स्वीकार कर दिया था। अदालत ने हालांकि उन्हें 19 दिसंबर को निजी रूप से पेश होने को कहा है।
संसदीय मामलों के मंत्री एम वेंकैया नायडू ने संसद भवन परिसर में कहा, 'उन्हें अदालत में मामला लड़ना चाहिए। आप सरकार को कैसे जिम्मेदार ठहरा सकते हैं। यह पूरी तरह अनुचित और गैरजिम्मेदाराना है। वे सचाई का सामना नहीं कर सकते इसलिए सरकार के सिर दोष मढ़ रहे हैं।’ कांग्रेस के आरोपों को सिरे से नकारते हुए राज्यसभा में सदन के नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस को न्यायपालिका में जवाब देना चाहिए।
जेटली ने कहा कि अदालत की कार्यवाही का सार यह है कि एक राजनीतिक पार्टी कांग्रेस, राजनीतिक मकसदों के लिए कोष एकत्र करती है, कर छूट हासिल करती है लेकिन कई लेनदेन के जरिए उन कोषों को एक ट्रस्ट को और फिर एक कंपनी को हस्तांतरित कर देती है। उन्होंने कहा कि वह कंपनी आज रियल एस्टेट की स्वामी है और खासा किराया पा रही है। राजनीतिक गतिविधियों के लिए एकत्र कोषों का उपयोग व्यावसायिक मकसदों के लिए किया गया। कर छूट राजनीतिक गतिविधियों के लिए था।
जेटली ने कहा कि निजी शिकायत दर्ज करायी गयी और उसमें सरकार नहीं है। ‘शिकायतकर्ता ने कानून का उल्लंघन होने का आरोप लगाया है और अदालत ने कहा है कि प्रथम दृष्टया उल्लंघन हुआ है। अदालत ने नोटिस जारी किया, आरोपी को समन किया गया और उन्हें अदालत के समक्ष पेश होना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि आरोपी को मामला रद्द किए जाने के लिए अनुरोध करने का अधिकार है। उन्होंने रद्द करने की मांग की लेकिन नाकाम रहे। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने कुछ प्रतिकूल टिप्पणी की है।
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