मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि आजाद को पार्टी से निलंबित किया जा सकता है। संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार को समाप्त होने के बाद उनको कारण बताओ नोटिस मिल सकता है और उन पर गाज गिर सकती है।
गौरतलब है कि कीर्ति आजाद ने डीडीसीए में भ्रष्टाचार को लेकर जेटली के खिलाफ मोर्चा खोला है और वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया है। हालांकि उन्होंने कहा कि जेटली के खिलाफ उनका कोई व्यक्तिगत आरोप नहीं है बल्कि वे डीडीसीए के अंदर हुए भ्रष्टाचार को सामने लाना चाहते हैं।
दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी आप ने भी डीडीसीए में भ्रष्टाचार को लेकर जेटली पर कई गंभीर आरोप लगाए थे और पीएम मोदी से उनको हटाने की मांग की थी। लेकिन जेटली और भाजपा ने उनके आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। जेटली ने केजरीवाल समेत 6 लोगों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है, जिसमें 10 करोड़ रुपए हर्जाना मांगा है। देश के जाने माने वकील राम जेठमलानी केजरीवाल का केस लड़ने को आगे आए हैं।
इस बीच ऐसी खबर है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कीर्ति अजाद की पत्नी पूनम झा आजाद को सेंसर बोर्ड के एडवाइजरी पैनल से हटा दिया है। एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार, मंत्रालय के एक अधिकारी ने ही उनको एडवाइजरी पैनल में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। लेकिन जब 24 नवंबर को 108 लोगों के नामों की सूची जारी की गई तो उनमें उनका नाम नहीं था।
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