दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली में पॉल्यूशन कंट्रोल से जुड़ी पिटीशन की सुनवाई करते हुए सख्त कमेंट किया। चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा- अमीर लोग SUV और लग्जरी गाड़ियों से एन्वायर्नमेंट को पॉल्यूट नहीं कर सकते। एक टीवी चैनल के मुताबिक, कार डीलर्स को लताड़ लगाते हुए चीफ जस्टिस ने कहा- लोगों की जान पर बनी हुई है और आपको कार बेचने की पड़ी है। राज्य और केंद्र सरकार एक साथ आएं और दिल्ली की हवा को साफ करें। आप ये क्रेडिट अपने हाथ में क्यों नहीं लेते हैं? आप ये मौका क्यों जाने देना चाहते हैं?
आप नियम बनाइए, उन्हें लागू कीजिए और कार्रवाई कीजिए। दिल्ली की हवा को साफ करने का क्रेडिट लीजिए।
ईवन और ऑड नंबर के फॉर्मूले पर कहा- हम आपको रोक नहीं रहे, लेकिन सवाल ये है कि इसे किस तरह लागू किया जाएगा? कौन इसे लागू कराएगा और इससे क्या सही में कोई फायदा होगा? या कंफ्यूजन होगा? पेट्रोल पंपों में पेट्रोल में केरोसिन मिलाया जाता है, लेकिन कोई चेक करने वाला नहीं है। इसके लिए पॉलिसी बननी चाहिए। अगर फ्यूल में ही मिलावट होगी तो पॉल्यूशन तो होगा ही।
2000 cc से ज्यादा की डीज़ल गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन दिल्ली में नहीं होगा। दिल्ली-एनसीआर में बाहर से आने वाले कॉमर्शियल व्हीकल्स से ग्रीन टैक्स 700 से बढ़ाकर 1300 रुपए किया जाएगा। अप्रैल 2016 तक, 2005 से पहले के रजिस्टर्ड व्हीकल्स को दिल्ली-NCR में बैन करना।
सुप्रीम कोर्ट ने यह सख्त कमेंट दिल्ली समेत देश के 13 शहरों में डीजल गाड़ियों पर बैन को लेकर 2013 में दायर पीआईएल पर सुनवाई करते हुए किया। साथ ही कहा- कोर्ट यह तय करेगा कि देश के बड़े शहरों में डीज़ल गाड़ियों पर रोक लगाई जा सकती है या नहीं। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में केंद्र और दिल्ली सरकार के एक्शन प्लान पर भी सुनवाई भी करेगा।
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