मॉस्को। रूस ने भी आईएस
आतंकवादी संगठन के खिलाफ सीरिया में उसके ठिकानों पर हमले करते हुए बमबारी
करना प्रारम्भ कर दिया है। मंगलवार को पेरिस हमलों के बाद रूस ने
मैडेटेरियन सागर से इस्लामिक स्टेट के गढ रक्का को टारगेट कर एक बार फिर
मिसाइल हमले किए हैं। फ्रांस और अमेरिकी सरकार के अफसरों ने क्रूज मिसाइल
दागे जाने की पुष्टि की है।
31 अक्टुबर को मिस्र के सिनाई में
आतंकवादियों ने रूस का एक यात्री विमान गिरा दिया था जिसकी जवाबी कार्रवाई
में रूस ने अपने बमों पर ‘हमारे लोगों के नाम’ और ’ पेरिस के नाम’ लिखकर
इस्लामिक स्टेट के अड्डों पर बमबारी करना शुरू कर दिया।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, रूस ने
सीरिया में सी लॉन्च्ड क्रूज मिसाइल और लॉन्ग रेंज बॉम्बर्स से अटैक किया
है। पेरिस अटैक के बाद फ्रांस ने आईएसआईएस के हेडक्वार्टर्स रक्का में
लगातार बम बरसा रहा है। आपको याद दिला दें कि मंगलवार को ही पुतिन ने माना
था कि मिस्र में क्रैश हुआ रूसी प्लेन आतंकियों का निशाना बना था।
न्यूज एजेंसी एएफपी की खबर के मुताबिक,
फ्रांस ने एक न्यूक्लियर पावर्ड एयरक्राफ्ट कैरियर जहाज मेडिटैरियन सागर
में भेजने का फैसला किया है। यह इसी हफ्ते सीरिया या लेबनान के नजदीक पहुंच
सकता है। इसे आईएसआईएस पर हमले तेज करने के मकसद से भेजा जाएगा। एक दूसरे
वक्तव्य में रक्षा मंत्री ने कहा कि उनकी सेना बदले की कार्रवाई के तहत एक
हवाई अभियान चला रही हैं, जिसके लिए वह फ्रांस के साथ भी संपर्क में है।
सिनाई में गिराए गए यात्री विमान में 224
लोग मारे गए थे जिसमें ज्यादातर रूसी थे और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने
इस हमले के बाद संकल्प लिया था कि दोषियों को 'बख्शा' नहीं जाएगा। इसके बाद
पेरिस हमले में 130 लोगों की जान चली गई जिसके बाद पुतिन और फ्रांस के
राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने सीरिया पर जारी अपनी कार्रवाई में एक दूसरे
का साथ देने पर सहमति जताई। यह दोनों नेता अगले हफ्ते क्रेम्लिन में भी
मुलाकात करेंगे।
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