हरियाणा सरकार ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से एक कार्यक्रम में तीखी बहस से चर्चा में आईं आईपीएस संगीता कालिया का तबादला कर दिया है। हालांकि विपक्षी दलों और सोशल मीडिया में इस फैसले की काफी आलोचना हो रही है।
विज और फतेहाबाद जिले की एसपी संगीता के बीच बहस का वीडियो शुक्रवार को वायरल हो गया था। वाकया गुरुवार को विज की ओर से बुलाई गई जिला शिकायत एवं लोक मामलों की समिति की बैठक के दौरान पेश आया।
बैठक में आवेश में नजर आ रहे स्वास्थ्य मंत्री ने एक एनजीओ का हवाला देते हुए एसपी पर शराब बिकवाने का आरोप लगाया और उन पर आरोपियों पर कोई कार्रवाई न करने की तोहमत भी बढ़ी। हालांकि संगीता ने संयत भाव से मंत्री के आरोपों का जवाब दिया। लेकिन स्पष्ट जवाब से विज उखड़ गए और आईपीएस को बैठक से बाहर जाने का फरमान सुना दिया, लेकिन संगीता ने आदेश मानने से इनकार कर दिया। इससे नाराज विज स्वयं बैठक से उठकर चले गए। विज ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से कर दी।
विज ने अपनी सफाई में कहा है कि महिला अधिकारी ड्रग और शराब माफियाओं पर कार्रवाई के मामले में सहयोग को तैयार नहीं थे, लेकिन वे इसके लिए हर कीमत पर लड़ेंगे।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मंत्री को एक महिला आईपीएस से बात करने के दौरान मर्यादा बनाए रखनी चाहिए थी और बुरा बर्ताव नहीं करना चाहिए था। कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा कि यह भाजपा सरकार के महिला विरोधी रुख को दर्शाता है।
सोशल मीडिया पर आईपीएस के तबादले को लेकर हरियाणा सरकार की खूब किरकिरी हुई। ट्विटर यूजरों ने कहा कि मंत्री को संयम बरतना चाहिए था। उलटे सरकार ने आईपीएस पर ही कार्रवाई कर दी। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया ने मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है।
विज और फतेहाबाद जिले की एसपी संगीता के बीच बहस का वीडियो शुक्रवार को वायरल हो गया था। वाकया गुरुवार को विज की ओर से बुलाई गई जिला शिकायत एवं लोक मामलों की समिति की बैठक के दौरान पेश आया।
बैठक में आवेश में नजर आ रहे स्वास्थ्य मंत्री ने एक एनजीओ का हवाला देते हुए एसपी पर शराब बिकवाने का आरोप लगाया और उन पर आरोपियों पर कोई कार्रवाई न करने की तोहमत भी बढ़ी। हालांकि संगीता ने संयत भाव से मंत्री के आरोपों का जवाब दिया। लेकिन स्पष्ट जवाब से विज उखड़ गए और आईपीएस को बैठक से बाहर जाने का फरमान सुना दिया, लेकिन संगीता ने आदेश मानने से इनकार कर दिया। इससे नाराज विज स्वयं बैठक से उठकर चले गए। विज ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से कर दी।
विज ने अपनी सफाई में कहा है कि महिला अधिकारी ड्रग और शराब माफियाओं पर कार्रवाई के मामले में सहयोग को तैयार नहीं थे, लेकिन वे इसके लिए हर कीमत पर लड़ेंगे।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मंत्री को एक महिला आईपीएस से बात करने के दौरान मर्यादा बनाए रखनी चाहिए थी और बुरा बर्ताव नहीं करना चाहिए था। कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा कि यह भाजपा सरकार के महिला विरोधी रुख को दर्शाता है।
सोशल मीडिया पर आईपीएस के तबादले को लेकर हरियाणा सरकार की खूब किरकिरी हुई। ट्विटर यूजरों ने कहा कि मंत्री को संयम बरतना चाहिए था। उलटे सरकार ने आईपीएस पर ही कार्रवाई कर दी। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया ने मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है।
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