भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में पहली बार सरकार विशेष अनुपूरक बजट पेश करेगी। अभी तक नियमित सत्रों में ही सरकार जरूरत के हिसाब से अनुपूरक अनुमान पेश करती आई है। बताया जा रहा है कि विशेष अनुपूरक सात हजार करोड़ रुपए का हो सकता है। इसमें आवंटित बजट की मदों में बदलाव करते हुए सूखे से निपटने चार-पांच विभागों को ये राशि मुहैया कराई जाएगी। पांच नवंबर के विशेष सत्र की रणनीति बनाने कांग्रेस और बीजेपी ने बुधवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है।
सूत्रों के मुताबिक सरकार समय से पहले बजट तो कई बार विधानसभा में प्रस्तुत कर चुकी है, पर विशेष अनुपूरक बजट की नौबत पहली बार बनी है। दरअसल, सूखे के कारण किसानों की फसलें तबाह हो चुकी हैं। जहां पानी भरपूर गिरा वहां भी उत्पादन सिमटकर एक तिहाई से कम रह गया है। पिछले तीन सालों से खराब हो रही फसलों से त्रस्त किसान आत्महत्या करने लगे हैं। स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए सरकार ने विध्ाानसभा का विशेष सत्र बुलाने का निर्णय करने के साथ आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसरों को मैदानी दौरे पर भेजा था। अफसरों की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 10 हजार करोड़ रुपए की आर्थिक मदद सरकार को किसानों की करनी पड़ सकती है। इतनी बड़ी राशि का इंतजाम करने के लिए सरकार ने विभागीय योजनाओं में कटौती करके राशि का इंतजाम तो कर लिया है पर इसे विधानसभा से पास करवाना जरूरी है।
सरकार विधानसभा से बजट पारित करा चुकी है और बिना उसकी इजाजत के मद में बदलाव नहीं हो सकता है। शीतकालीन सत्र दिसंबर में होना है, तब तक रबी फसल के मद्देनजर राहत में बहुत देरी हो चुकी होगी। विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों का कहना है कि सरकार सदन में प्रस्ताव रखकर विशेष अनुपूरक बजट पास करवा सकती है।
विशेष सत्र में कांग्रेस का रुख आक्रामक रहेगा। केंद्र सरकार से पिछले पांच सालों में किसानों के लिए मिली सहायता, राज्य सरकार द्वारा अपने बजट से की गई मदद, किसानों की आत्महत्या के कारण और मंत्रियों के बयानों पर जवाब तलब किया जाएगा। कांग्रेस की संभावित रणनीति से निपटने के लिए बीजेपी ने मुख्यमंत्री निवास पर बुधवार को साढ़े सात बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है।
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