भोपाल। प्रदेश में किसानों को सस्ती बिजली दी जा रही है। इसके बावजूद सबसे ज्यादा शिकायतें बिजली को लेकर मिली हैं। ऐसा क्यों हो रहा है, इसकी विस्तृत समीक्षा कर व्यवस्था की खामियों को दूर करें। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निवास पर आला अफसरों से चर्चा करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक साल में प्रदेश के हर किसान को स्थाई कनेक्शन दे दिया जाए। बैठक में मौजूद बिजली कंपनियों के अधिकारियों ने कहा कि दरअसल बिजली व्यवस्था बिगड़ने का मुख्य कारण बिजली चोरी होना है।
कई जगह किसान बिजली चोरी कर रहे हैं, इससे लोड बढ़ने से ट्रांसफार्मर जल जाते हैं। उन्होंने कहा कि मैदानी अमला खासकर लाईनमैन आदि की कमी के कारण भी बिजली व्यवस्था गड़बड़ा रही है। प्रमुख सचिव ने मनु श्रीवास्तव ने कहा कि विभाग जल्द ही किसानों को स्थाई बिजली कनेक्शन देने का अभियान चलाएगा। प्रदेश में 5 से 6 लाख किसान ऐसे हैं, जो अस्थाई बिजली कनेक्शन से सिंचाई करते हैं। ऐसी स्थिति में सबको स्थाई बिजली कनेक्शन देने में कम से कम तीन साल का समय लगेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लोग पूरा प्लान बनाकर काम करें। मैदान में आने वाली मुख्य परेशानियों को दूर करें, जिससे बिजली के चलते सरकार के खिलाफ कोई माहौल न बने।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की परेशानी दूर करने के लिए उन्हें सोलर पंप लगाने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि इसके पहले इन पंपों को सरकारी फार्म हाउस में लगाकर देखा जाए कि इससे कितनी बिजली बचत हो रही है और इससे किसान को कितना फायदा मिल सकता है। इसके बाद बड़े किसानों को सबसे पहले सोलर पंप देने के लिए अभियान चलाएं।
बैठक में बताया गया कि 5 हार्स पॉवर के सोलर पंप की लागत लगभग 6 लाख स्र्पए आएगी। ऐसे में किसान से 1.5 लाख स्र्पए लिए जाएं। बाकी का पैसा केन्द्र से मिलने वाले अनुदान और राज्य सरकार की ओर से दिया जाएगा। बैठक में ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल, मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा, अपर मुख्य सचिव वित्त एपी श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव ऊर्जा मनु श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के सचिव विवेक अग्रवाल भी उपस्थित थे।
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