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कॉलेज की छात्राओं के बीच सवाल-जवाब में खुद घिरे राहुल

बेंगलुरू। बुधवार को बेंगलुरू के माउंट कार्मेल कॉलेज की छात्राओं के बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सबको बोलने का हक है, लेकिन यहां सारे फैसले एक ही शख्स लेता है। लोकतंत्र बातचीत से चलता है,लेकिन बीजेपी बातचीत नहीं करती। राहुल गांधी ने कहा,स्वच्छ भारत अभियान काम करता नहीं दिख रहा। 

उन्होंने कहा,कांग्रेस ही जीएसटी बिल लेकर आई लेकिन जीएसटी आज तक अटका हुआ है। उन्होंने कहा,ये सिर्फ 5-6 सूट बूट की सरकार है। भ्रष्टाचार बहुत बडा मसला है, जिससे हमें निबटना है। उन्होंने कहा, आरटीआई भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे बडा अधिकार है जो कांग्रेस की देन है।राजस्थान, छत्तीसगढ और मध्य प्रदेश में बडे घोटाले हुए हैं। राहुल ने कहा, मैं लैंड बिल के लिए लडा। बिहार चुनाव पर राहुल ने कहा,हमने नीतीश कुमार का समर्थन किया जो ईमानदार माने जाते हैं। बिहार में बीजेपी को रोकने की जरूरत थी,जो हमने की।

राहुल बोले,पूर्वोत्तर का स्पेशल स्टेटस बीजेपी ने हटाया इसलिए जो आर्थिक मदद मिल रही थी वो अब नहीं मिल रही। असहिष्णुता पर राहुल ने कहा,अगर किसी को शिकायत है तो सुनें, सीधे हमला न करें। उन्होंने कहा,लोगों पर चिल्लाना बहुत आसान है लेकिन लोगों को भी सुनना जरूरी है। सीधे हमला समाधान नहीं है। कांग्रेस की 2014 में हार पर राहुल ने माना कि दस साल में बेशक कांग्रेस में थकान आई। 

छात्राओं के साथ सवाल-जवाब के बीच राहुल गांधी खुद ही घिर गए। उन्होंने स्वच्छता अभियान को अपनी ओर से बेअसर बताया और छात्राओं से पूछा कि उनकी क्या राय है-क्या ये अभियान काम करता लग रहा है! छात्राओं के एक बडे हिस्से ने जोरदार हां के साथ राहुल गांधी को कुछ असमंजस में डाल दिया। मेक इन इंडिया को लेकर भी राहुल के सवाल का लगभग यही हाल हुआ।

राहुल ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए छात्राओं से पूछा कि स्वच्छ भारत अभियान का कोई असर दिख रहा है तो स्टूडेंस ने उनकी बात को नकारते हुए कहा-हां, इसका असर पड रहा है। एक दूसरे सवाल में जब उन्होंने मेक इन इंडिया और सारे फैसले एक ही शख्स लेता है के बारे कहा तो स्टूडेंट्स का जवाब था कि अगर इकोनॉमी ठीक चल रही है तो फैसले एक आदमी ले या दो.... क्या फर्क पडता है। गौरतलब है कि यहां राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सबको बोलने का हक है, लेकिन यहां सारे फैसले एक ही शख्स लेता है। लोकतंत्र बातचीत से चलता है, लेकिन बीजेपी बातचीत नहीं करती। 
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