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देश के मुसलमान पाकिस्तान जाने के बजाय कब्रिस्तान जाना पसंद करेंगे : आजम खान

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ काबीना मंत्री मोहम्मद आजम खान ने असम के राज्यपाल पीबी आचार्य के विवादास्पद बयान की निन्दा करते हुए सोमवार को कहा कि देश के मुसलमान पाकिस्तान जाने के बजाय कब्रिस्तान जाना पसंद करेंगे और अगर आचार्य को यहां कोई तकलीफ है तो वह नेपाल चले जाएं।

खान ने बातचीत में असम के राज्यपाल के ‘हिन्दुस्तान सिर्फ हिन्दुओं के लिए’ सम्बन्धी बयान पर कहा, 'यह बात संवैधानिक कुर्सी पर बैठे एक व्यक्ति ने कही है, लेकिन सांसद भी संवैधानिक व्यवस्था के तहत ही सांसद हैं। मुल्क में संविधान का खुला मजाक उड़ाया जा रहा है, धज्जियां उड़ रही हैं। लग रहा है कि मुल्क में संविधान नाम की कोई चीज ही नहीं है। और अगर है भी, तो उसे खत्म करने की जबर्दस्त कोशिश चल रही है।'

यूपी नगर विकास मंत्री ने कहा, 'लव जिहाद, कुत्ता-पिल्ला के जुमले और अन्य तमाम हथकंडे जब नहीं चले, तो एक बार फिर हिन्दुओं के जज्बात भड़काने के लिए एक नया तजुर्बा किया जा रहा है।' उन्होंने कहा 'हमारे लिए सवाल यह है कि हम कब्रिस्तान जाना बेहतर समझते हैं, पाकिस्तान जाने के बजाय... तो हमारे लिए कब्रिस्तान का इंतजाम कर दें, हम पाकिस्तान नहीं जाएंगे। हां, अगर गवर्नर साहब (आचार्य) को हमारे साथ रहने में कोई तकलीफ है तो वह नेपाल चले जाएं।'

खान ने कहा 'ऐसे चुटकीभर लोग हैं जो देश को गृह युद्ध की तरफ ले जाना चाहते हैं, वो अपने लिए रास्ता तय कर लें।' विवादित बयान देने वाले असम के राज्यपाल की शिकायत राष्ट्रपति से करने की सम्भावना सम्बन्धी सवाल पर खान ने कहा 'अब किससे शिकायत करें। बापू के हत्यारों से और क्या उम्मीद करेंगे।'

क्या कहा था आचार्य ने 
गौरतलब है कि असम के राज्यपाल पीबी आचार्य ने गत शनिवार को एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में यह बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया कि ‘हिंदुस्तान हिंदुओं के लिए है।’ बयान पर आचार्य के कल सफाई देने के लिए किए गए प्रयास से विवाद और बढ़ गया जब उन्होंने कहा कि 'भारत में मुस्लिम कहीं भी जाने को स्वतंत्र हैं।'

आचार्य ने कहा कि उनका मतलब था कि विदेशों में मुसलमानों समेत भारतीय मूल के सभी लोगों का इस देश में स्वागत है। उन्होंने कहा, 'भारतीय मुस्लिम कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं। अगर वे यहां रहना चाहते हैं तो यहां रह सकते हैं। कई पाकिस्तान चले गए। अगर वे पाकिस्तान, बांग्लादेश जाना चाहते हैं तो वे वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं।'
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