केंद्रीय मंत्री और लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान ने कहा है कि बिहार में साल-दो साल के भीतर मध्यावधि चुनाव हो सकता है। राज्य में जो परिस्थितियां बन रही हैं, वह कुछ ऐसी ही कहानी कह रही है। यहां राज कोई और चला रहा है और ताज किसी और के माथे पर है।
लोजपा के स्थापना दिवस पर पार्टी कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में प्रेस से बात करते हुए श्री पासवान ने कहा कि वर्तमान सरकार बहुत ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है। राजद और जदयू का गठबंधन बेमेल है। इसका रिजल्ट मध्यावधि चुनाव है।
प्रधानमंत्री ने बिहार के लिए जो एक लाख 65 हजार करोड़ का पैकेज दिया है, नई सरकार उसका उपयोग कर पाएगी, इसमें संदेह है।
श्री पासवान ने विधानसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवारों की हार के कारणों पर चर्चा करते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने कुछ जातियों को पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग में शामिल करने की घोषणा कर दी। हालांकि यह फैसला केन्द्र सरकार को करना होता है, लेकिन लोग समझ नहीं पाए।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया कि बिहार के चुनाव में उन्होंने काफी समय दिया। साथ ही कहा कि घटक दलों में भी एकता बनी रही। सभी दल एक दूसरे के उम्मीदवारों के पक्ष में खुले दिल से प्रचार किया। लिहाजा हार के लिए किसी दल या घटक दल को जिम्मेदार ठहराना सर्वथा गलत होगा।
श्री पासवान ने कहा कि चुनाव में हार-जीत लगी रहती है। हमने अपने राजनीतिक जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद कुछ लोग यह कहने लगे थे कि लोजपा का सफाया हो गया। लेकिन लोकसभा चुनाव में हमने सात में छह सीटें जीतीं। बैठक में संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान, सांसद रामचन्द्र पासवान, वीणा देवी, सूरजभान, पशुपति कुमार पारस और ललन चन्द्रवंशी उपस्थित थे।
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