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गाय वाले विज्ञापन पर चुनाव आयोग सख्त, BJP को नोटिस जारी

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण के लिए मतदान से ठीक एक दिन पहले बुधवार को भाजपा की ओर से दिये गये गाय वाले विज्ञापन पर चुनाव आयोग ने सख्त कदम उठाया हैं. आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को निर्देश जारी किया है और कहा है कि बिना अनुमति के गुरुवार को कोई भी विज्ञापन समाचार-पत्रों में नहीं छपेगा. इसके साथ ही निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण के लिए कल होने वाले मतदान के एक दिन पूर्व गोमांस को लेकर भाजपा द्वारा प्रकाशित चुनावी विज्ञापन पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को नोटिस जारी किया है.

अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आर लक्ष्मणन ने बताया कि आज भाजपा की ओर से दो अखबारों के खौसतौर से भागलपुर और मुजफ्फरपुर एडिशन में एक विज्ञापन प्रकाशित किया गया था जिसे आयोग के पूर्व के निर्देश के विरुद्ध और आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के रुप में पाया गया. उन्होंने कहा कि इसके आलोक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को नोटिस जारी किया गया है और उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है.

यह पूछे जाने पर कि क्या इसको लेकर संबंधित अखबार को भी नोटिस जारी किया गया है लक्ष्मणन ने कहा कि इस पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि उक्त विज्ञापन के आलोक में निर्वाचन आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को यह निर्देश दिया है कि बिहार में कल अखबारों में ऐसा कोई चुनावी विज्ञापन प्रकाशित नहीं किया जाएगा जिसे अधिकार प्राप्त मीडिया समिति से मंजूरी नहीं मिली हो.

इस विज्ञापन में लालू प्रसाद के इस कथित बयान का हवाला दिया गया है ‘‘हिन्दू भी गोमांस खाते हैं.' इसमें राजद नेता रघुवंश प्रसाद की टिप्पणी का भी हवाला किया गया है कि ‘‘वेदों और पुराणों में लिखा है कि प्राचीन समय में संत लोग गोमांस खाते थे'. भाजपा के इस विज्ञापन में कनार्टक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को उदृत करते हुए कहा गया है, ‘‘अगर मैं गोमांस खाउं तो कोई मुझे रोक नहीं सकता'.

जदयू के महासचिव के सी त्यागी ने भाजपा के उक्त विज्ञापन को घोर आपत्तिजनक बताते हुए कहा कि यह चुनाव आदर्श संहिता का उल्लंघन है और उसे प्रकाशित करने वाले दल को दंडित किया जाना चाहिए. त्यागी ने कहा कि अगर निर्वाचन आयोग इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने में विफल रहता है तो राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का दरवाजा खटखटाया जाएगा.

अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आर लक्ष्मणन ने कहा कि उक्त विज्ञापन से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है या नहीं इसकी जांच के लिए निर्वाचन आयोग संबंधित जिलों के, जहां उक्त विज्ञापन अखबारों में छपे हैं, जिलाधिकारियों से रिपोर्ट तलब करेगा.
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