नवादा:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारे की वकालत करते हुए आज कहा कि हिन्दुओं और मुसलमानों को गरीबी के साझा दुश्मन से लड़ने के लिए साथ काम करना चाहिए और नेताओं के ‘गैरजिम्मेदाराना’ बयानों को नजरअंदाज कर देना चाहिए। अगर वह भी ऐसा कोई बयान दें तो वे उसे भी नजरअंदाज कर दें।
दादरी में गोमांस खाने की अफवाहों को लेकर भीड़ द्वारा एक व्यक्ति की हत्या और उसके बेटे को गंभीर रूप से घायल करने की घटना को देखते हुए जारी सांप्रदायिक द्वंद्व के बीच प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को उद्धृत करते हुए कहा कि देशवासियों को विविधता, सहिष्णुता और बहुलता के मूल्यों के संरक्षण को लेकर कल दिए गए उनके संदेश का पालन करना चाहिए।
मोदी ने यहां एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैंने ऐसा पहले भी कहा है। हिन्दुओं को फैसला करना चाहिए कि मुस्लिमों से लड़ें या गरीबी से। मुसलमानों को फैसला करना चाहिए कि हिन्दुओं से लड़ें या गरीबी से..दोनों को साथ मिलकर गरीबी से लड़ना चाहिए.. इस देश को एकजुट रहना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एकता, सांप्रदायिक सौहार्द, भाईचारा और शांति ही देश को आगे ले जाएंगे।’’ प्रधानमंत्री ने लोगों से नेताओं के ‘गैरजिम्मेदाराना’ बयानों को नजरअंदाज करने की अपील करते हुए कहा कि वे ऐसा राजनीतिक हितों के लिए कर रहे हैं और इसका अंत होना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ नेता राजनीतिक हितों के लिए गैरजिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं..इस तरह के बयानों का अंत होना चाहिए.. अगर मोदी भी इस तरह का बयान दे तो भी इस तरह के बयानों पर ध्यान ना दें।’’ राष्ट्रपति के कल के बयान की ओर संकेत करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘इससे बड़ा कोई मार्गदर्शन नहीं , कोई बड़ा संदेश नहीं है, कोई बड़ी दिशा नहीं है।’’
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