देश में बढ़ती कथित असहिष्णुता के विरोध में विख्यात वैज्ञानिक पीएम भार्गव द्वारा पद्म भूषण पुरस्कार लौटाने की घोषणा की बीजेपी ने तीखी आलोचना की है।
भगवा पार्टी का कहना है कि भार्गव हेट मोदी ब्रिगेड के सदस्य और सोनिया गांधी के चीयरलीडर है। उन्हें तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने वैज्ञानिक उपलब्धियों के लिए नहीं बल्कि राजनीतिक कारणों से वह पुरस्कार दिया था।
बीजेपी के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि भार्गव ने इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल थोपे जाने के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा और आपातकाल समाप्त होने के तुरंत बाद उन्हें किसी शीर्ष कार्य के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
उन्होंने कहा कि डॉ. भार्गव का अब यह कहना कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में भारत में लोकतंत्र को खतरा है, यह उच्च स्तर के पाखंड के अलावा और कुछ नहीं है।
राव ने डॉ. भार्गव को आदतन प्रदर्शनकारी बताते हुए कहा कि वह घोर बीजेपी विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि उनका केवल एक एजेंडा है और वह है बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी को समय-समय पर गाली देना।
उन्होंने कहा, भार्गव वर्तमान सरकार के प्रति संभवत: इसलिए असहिष्णु हैं क्योंकि शायद उन्हें लगता है कि उनके लिए अब केन्द्र में एक गैर दोस्ताना सरकार है और संप्रग सरकार के समय की तरह अब उन्हें खास तवज्जो नहीं मिलेगी।
पद्म भूषण प्राप्तकर्ता अशोक सेन, पीएम भार्गव और पी. बलराम समेत कई वैज्ञानिकों एवं विद्वानों ने देश में असहिष्णुता के विरूद्ध राष्ट्रपति को प्रतिवेदन दिया है।
प्रतिवेदन में कहा गया, असहिष्णुता के इसी माहौल और तर्क की अस्वीकृति के कारण दादरी में मोहम्मद अखलाक सैफी को पीट पीटकर मार डाला गया, और अंधभक्ति और अंधविश्वास के खिलाफ मुहिम चलाने वाले प्रो. कलबुर्गी, डॉ. नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पनसारे की हत्या कर दी गई।
भगवा पार्टी का कहना है कि भार्गव हेट मोदी ब्रिगेड के सदस्य और सोनिया गांधी के चीयरलीडर है। उन्हें तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने वैज्ञानिक उपलब्धियों के लिए नहीं बल्कि राजनीतिक कारणों से वह पुरस्कार दिया था।
बीजेपी के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि भार्गव ने इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल थोपे जाने के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा और आपातकाल समाप्त होने के तुरंत बाद उन्हें किसी शीर्ष कार्य के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
उन्होंने कहा कि डॉ. भार्गव का अब यह कहना कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में भारत में लोकतंत्र को खतरा है, यह उच्च स्तर के पाखंड के अलावा और कुछ नहीं है।
राव ने डॉ. भार्गव को आदतन प्रदर्शनकारी बताते हुए कहा कि वह घोर बीजेपी विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि उनका केवल एक एजेंडा है और वह है बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी को समय-समय पर गाली देना।
उन्होंने कहा, भार्गव वर्तमान सरकार के प्रति संभवत: इसलिए असहिष्णु हैं क्योंकि शायद उन्हें लगता है कि उनके लिए अब केन्द्र में एक गैर दोस्ताना सरकार है और संप्रग सरकार के समय की तरह अब उन्हें खास तवज्जो नहीं मिलेगी।
पद्म भूषण प्राप्तकर्ता अशोक सेन, पीएम भार्गव और पी. बलराम समेत कई वैज्ञानिकों एवं विद्वानों ने देश में असहिष्णुता के विरूद्ध राष्ट्रपति को प्रतिवेदन दिया है।
प्रतिवेदन में कहा गया, असहिष्णुता के इसी माहौल और तर्क की अस्वीकृति के कारण दादरी में मोहम्मद अखलाक सैफी को पीट पीटकर मार डाला गया, और अंधभक्ति और अंधविश्वास के खिलाफ मुहिम चलाने वाले प्रो. कलबुर्गी, डॉ. नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पनसारे की हत्या कर दी गई।
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