अमरावती: कृष्णा नदी के तट पर बसा गांव उदनदरायुनिपलेम गांव गुरुवार को उस समय एक बड़े क्षण का गवाह बना जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में यहां विभाजित आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती की आधारशिला रखी गई। इस महत्वपूर्ण आयोजन में सिंगापुर और जापान के मंत्रियों, 14 देशों के राजदूतों, केंद्रीय मंत्रियों, शीर्ष राजनेताओं, उद्यमियों और सेलेब्रिटीज सहित चार लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख राजनेताओं में केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू, अशोक गजपति राजू, निर्मला सीतारमण, आंध्रप्रदेश तथा तेलंगाना के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू तथा तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव सहित शामिल थे।
कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख राजनेताओं में केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू, अशोक गजपति राजू, निर्मला सीतारमण, आंध्रप्रदेश तथा तेलंगाना के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू तथा तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव सहित शामिल थे।
आंध्र प्रदेश की नई राजधानी
पीएम मोदी ने पहले अमरावती पेवेलियन और दौरा किया। बाद में उन्होंने ज्योतिषियों की ओर से निर्धारित समय में आधारशिला का पत्थर रखा। पिछले साल जब तेलगांना पृथक राज्य बना था तो यह तय हुआ था कि दोनों राज्य अविभाजित आंध्र की राजधानी हैदराबाद को 10 साल अवधि के लिए साझा करेंगे। इसके बाद हैदराबाद राजधानी के रूप में तेलंगाना का हिस्सा होगा जबकि आंध्र अपनी नई राजधानी तैयार करेगा। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने नई राजधानी के निर्माण को बड़ा अवसर बताते हुए इसे 'सिटी ऑफ द फयूचर' बताया है। उन्होंने कहा कि वे अमरावती को लोगों की राजधानी और संभावनाओं का स्वर्ग बनाना चाहते हैं। सीएम की अपील पर आंध्र के 16 हजार गांवों और प्रमुख तीर्थस्थलों से पानी और मिट्टी नई राजधानी के निर्माण कार्य के लिए लाई गई है। इस पानी और मिट्टी को नई राजधानी के क्षेत्र में छिड़काव किया गया।
पीएम मोदी ने कहा कि अमरावती पीपुल्स कैपिटल बनने जा रही है। सरकार बनने के इतने कम समय में चंद्रबाबू ने इस काम को जिस गति से अपने हाथ में लिया, मैं उनका अभिनंदन करता हूं। अर्बन डेवलपमेंट आज समस्या नहीं, बल्कि समय की मांग है। एक मौका है। हमारी सरकार ने 100 स्मार्ट सिटी बनाने की योजना भी शूरू की है।
पीएम मोदी ने पहले अमरावती पेवेलियन और दौरा किया। बाद में उन्होंने ज्योतिषियों की ओर से निर्धारित समय में आधारशिला का पत्थर रखा। पिछले साल जब तेलगांना पृथक राज्य बना था तो यह तय हुआ था कि दोनों राज्य अविभाजित आंध्र की राजधानी हैदराबाद को 10 साल अवधि के लिए साझा करेंगे। इसके बाद हैदराबाद राजधानी के रूप में तेलंगाना का हिस्सा होगा जबकि आंध्र अपनी नई राजधानी तैयार करेगा। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने नई राजधानी के निर्माण को बड़ा अवसर बताते हुए इसे 'सिटी ऑफ द फयूचर' बताया है। उन्होंने कहा कि वे अमरावती को लोगों की राजधानी और संभावनाओं का स्वर्ग बनाना चाहते हैं। सीएम की अपील पर आंध्र के 16 हजार गांवों और प्रमुख तीर्थस्थलों से पानी और मिट्टी नई राजधानी के निर्माण कार्य के लिए लाई गई है। इस पानी और मिट्टी को नई राजधानी के क्षेत्र में छिड़काव किया गया।
पीएम मोदी ने कहा कि अमरावती पीपुल्स कैपिटल बनने जा रही है। सरकार बनने के इतने कम समय में चंद्रबाबू ने इस काम को जिस गति से अपने हाथ में लिया, मैं उनका अभिनंदन करता हूं। अर्बन डेवलपमेंट आज समस्या नहीं, बल्कि समय की मांग है। एक मौका है। हमारी सरकार ने 100 स्मार्ट सिटी बनाने की योजना भी शूरू की है।
अमरावती का रहा है धार्मिक महत्व
हिन्दू किवदंतियों के अनुसार गुंटूर जिले में स्थित अमरावती एक समय देवताओं के राजा इंद्र की राजधानी थी। 1800 साल पहले सातवाहन शासकों के काल में अमरावती सत्ता का केंद्र था।
हिन्दू किवदंतियों के अनुसार गुंटूर जिले में स्थित अमरावती एक समय देवताओं के राजा इंद्र की राजधानी थी। 1800 साल पहले सातवाहन शासकों के काल में अमरावती सत्ता का केंद्र था।
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