पाकिस्तान छोटे सामरिक परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर किसी भी प्रकार की पाबंदी को स्वीकार नहीं करेगा। पाकिस्तान के अधिकारियों ने कहा है कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मुलाकात के दौरान उन्हें पाकिस्तान के इस पक्ष से अवगत करांएगें।
पाकिस्तान का मानना है कि उसके छोटे परमाणु हथियार पड़ोसी देश भारत की ओर से अचानक किए गए किसी भी हमले को रोकेगा, लेकिन अमेरिका इस बात से चिंतित है कि सामरिक हथियारों की मौजूदगी से इस क्षेत्र में पहले से व्याप्त अस्थिरता को और बढ़ा सकती है। शरीफ और ओबामा के बीच आज व्हाइट हाउस में मुलाकात का कार्यक्रम है।
अमेरिकी सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान के परमाणु हथियारों में वृद्धि को लेकर अमेरिका चिंतित है। इसके बावजूद ओबामा प्रशासन दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए पाकिस्तान को आठ एफ-16 लडाकू विमान बेचने की तैयारी में है।
गौरतलब है कि अमेरिका की सबसे ताजा न्यूक्लियर नोट बुक 'बुलेटिन आफ द एटामिक साइंटिस्ट' की एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है कि अगले एक दशक में यानि साल 2025 तक पाकिस्तान के पास करीब 250 परमाणु हथियार हो जाएंगे, जिसके साथ ही पाकिस्तान दुनिया में परमाणु हथियारों का पांचवां सबसे बड़ा देश बन जाएगा।
वर्तमान समय में पाकिस्तान के पास 120 परमाणु हथियार हैं, जबकि भारत के केवल 100 परमाणु हथियार है। फिलहाल विश्व में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार अमेरिका व रूस के पास हैं।
अमेरिकी थिंक टैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2011 में पाकिस्तान के पास करीब 90 से 110 परमाणु हथियारों का जखीरा मौजूद था, जो कि अब बढ़ कर 110 से 130 तक पहुंच चुका है और साल 2025 आने तक यह देश पांचवी सबसे बड़ी परमाणु शक्ति बन सकता है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के अमेरिकी यात्रा के दौरान जारी बुलेटिन में 'पाकिस्तानी परमाणु शक्तियां 2025' नाम से प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इसमें कहा गया है कि तमाम तरह की वितरण प्रणालियों के विकास को देखते हुए, जिसमें चार ऑपरेटिंग प्लूटोनियम उत्पादन रिएक्टर और यूरेनियम संवर्धन इकाइयां भी शामिल हैं, अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगले 10 वर्षों में देश के परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ेगा, हालांकि यह कई बातों पर निर्भर करेगा जैसे कि पाकिस्तान कितने परमाणु सक्षम लॉन्चर तैनात करने की योजना बना रहा है और भारत के परमाणु हथियारों का जखीरा किस रफ्तार से बढ़ता है।
इस रिपोर्ट में यह भी साफ किया है कि पाक के पास इस समय छह तरह की परमाणविक क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइलें हो सकती हैं और कम से कम दो मिसाइलों, छोटी दूरी की शाहीन-1ए और मध्यम दूरी की शाहीन-3, पर अभी काम चल रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, 'पाकिस्तान के ऐटमी हथियारों के जखीरे की सबसे विवादास्पद नई परमाणु सक्षम मिसाइलों में एनएएसआर (हत्फ,9) भी शामिल है, जो कि एक छोटी दूरी की सॉलिड फ्यूल मिसाइल है। इस मिसाइल की मारक क्षमता सिर्फ 60 किलोमीटर तक की है। भारत के अंदरूनी ठिकानों पर इस छोटी दूरी की मिसाइल से हमला नहीं किया जा सकता, इसलिए लगता है कि यह युद्धक्षेत्र में भारतीय सैनिकों के खिलाफ इस्तेमाल के लिए बनाई गई है।'
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