सूखे की मार झेल रहे मध्यप्रदेश में किसानों को राहत देने के लिए सभी विभागों के बजट में 15 प्रतिशत कटौती की जाएगी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कृषि कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभागों के समन्वय से आगामी रबी की फसल में बेहतर उत्पादन करने के उपाय किए जायेंगे. विभागों के बजट से 15 प्रतिशत कटौती कर किसानों को राहत उपलब्ध करवाई जाएगी.
प्रदेश स्तर से भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के अधिकारी भी 25 से 27 अक्टूबर तक गाँव में जाकर फसलों के नुकसान के बारे में किसानों से सम्पर्क करेंगे.
कृषि कैबिनेट की बैठक में यह फैसला भी लिया गया कि अब प्रदेश में किसानों की फसल खराब होने पर राहत फसल की उत्पादकता के आधार पर दी जाएगी. इसे केवल वर्षा की कमी से सम्बद्ध नहीं किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सूखे के संकट से जूझ रहे किसानों को राहत पहुँचाने के सारे उपाय किए जा रहे हैं. किसानों को हुए नुकसान की वास्तविक स्थिति के आकलन के लिए आगामी 25 से 27 अक्टूबर तक प्रदेश के सभी मंत्री भी अपने प्रभार के जिलों के गाँव में जायेंगे और किसानों से चौपाल पर बैठकर चर्चा करेंगे.
वे किसानों से उनकी फसलों को हुए नुकसान, उत्पादन, कठिनाइयों और अगली रबी की फसल के बारे में बात करेंगे. वे खेती के साथ वैकल्पिक आमदनी के उपायों पर भी चर्चा करेंगे. मुख्यमंत्री स्वयं भी इस दौरान गाँवों में जायेंगे।
बैठक में बताया गया कि अल्प वर्षा और फसलों के नुकसान से प्रदेश में सोयाबीन, उड़द, मूंग, अरहर और धान का उत्पादन भी कम होगा। सोयाबीन की फसल को सबसे अधिक नुकसान हुआ है.
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