भारतीय रेलवे जल्द ही भोपाल और जोधपुर रेल मंडल की ट्रेनों में सोलर
पावर का इस्तेमाल करने जा रहा है. पहले चरण में सोलर पैनल से प्राप्त ऊर्जा
का इस्तेमाल ट्रेनों में पंखे और लाइट के लिए होगा.
दरसअल, भारतीय रेलवे सोलर प्लेन की तर्ज पर ट्रेन चलाने की तैयारी में है. इस ट्रेन में थर्मल और सोलर पावर का इस्तेमाल होगा.
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, दिन में चलने वाली डीएमयू,
मेमू और एक्सप्रेस ट्रेनों के स्लीपर कोचों की छतों पर सोलर पैनल लगाने का
विचार किया गया है. उन्होंने बताया कि ट्रेन के एक कोच पर 300 वॉट के 12
पैनल लगाए जाएंगे. वहीं, एक सोलर ट्रेन से लगभग 150 केवी ऊर्जा का उत्पादन
होगा.
सोलर एनर्जी का ट्रेनों में सफलतापूर्वक प्रयोग किया जा
चुका है. आईआईटी बेंगलुरू ने एक ट्रेन के पांच एसी, 12 स्लीपर और एक
पैंट्री कार सहित बीस कोचों की छत पर सोलर पैनल लगाकर बिजली उत्पादन किया
था.
आईआईटी की रिसर्च में बताया गया कि एक साल में एक ट्रेन के फेरे पूरा करने में करीब 90 हजार लीटर डीजल खर्च होता है, जिसकी बचत होगी.
बताया गया कि सोलर पावर की 15 फीसदी एनर्जी ट्रेन के
संचालन में भी इस्तेमाल होगी. जबकि 100 फीसदी ऊर्जा ट्रेन में उपयोग न
होने की स्थिति में पावर ग्रिड को दी जाएगी.
यही नहीं, बिजली की खपत कम करने के लिए रेलवे स्टेशनों की
छतों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे. इसका फायदा यह होगा कि स्टेशनों पर पंखे,
लाइट आदि के लिए बिजली पर निर्भरता कम होगी.
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