पर्यटन के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए मध्यप्रदेश को एक साथ 6
राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार से नवाजा गया. ये पुरस्कार राष्ट्रपति प्रणब
मुखर्जी ने प्रदेश के पर्यटन राज्य मंत्री सुरेन्द्र पटवा को नई दिल्ली में
दिए.
एमपी को मिले ये 6 पुरस्कार
एमपी में पर्यटन विकास निगम द्वारा संचालित पर्यटकों की
सुविधा में यातायात के महत्व को ध्यान में रखते हुए पर्यटन स्थल की पहुँच
के लिए एयर टेक्सी की समुचित व्यवस्था और रहने के लिए बेहतरीन होटल हैं.
साथ ही जानकारी के लिए कम्प्यूटराइजेशन सुविधा है इसी को देखते हुए राज्य
को पर्यटन के अच्छे विकास के लिए द्वितीय पुरस्कार दिया गया.
वहीं सर्वश्रेष्ठ विरासत वाले शहर के लिए ग्वालियर को
पुरस्कार दिया गया. जिसकी वजह रही कि ग्वालियर की शान मोहम्मद गौस का
मकबरा, ग्वालियर का किला, जयविलास पैलेस, तानसेन का मकबरा, गुजरी महल,
चतुर्भुज मंदिर आदि प्रमुख धरोहर यहाँ मौजूद हैं जिनका पूरा रखरखाव भी किया
जा रहा है.
होल्कर राजवंश की महारानी अहिल्याबाई की नगरी के नाम से
महेश्वर शहर प्रसिद्ध है. यहाँ जन सुविधा प्रबंधन में स्वच्छ महेश्वर
अभियान,बायो-टायलेट सुविधा, नर्मदा नदी के घाटों की साफ-सफाई एवं पर्यटकों
की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाता है. इसके लिए बी. श्रेणी के पर्यटक
स्थलों में जन-सुविधा प्रबंधन में खरगोन जिले की महेश्वर नगर परिषद को पहला
पुरुस्कार दिया गया.
बेस्ट टूरिस्ट फ्रेंडली रेलवे स्टेशन का खिताब हबीबगंज को
मिला. अत्याधुनिक सुविधाएँ जैसे वातानुकूलित कक्ष, बायो टायलेट, रिटायरिंग
कक्ष, फूड प्लाजा,पूर्व भुगतान टेक्सी सुविधा, उच्च सुरक्षा, सी.सी.टी.वी.
की सुविधा के अलावा पर्यटकों के लिए पर्यटन क्षेत्रों की जानकारी देने के
लिए जगह-जगह होर्डिंग लगाने से हबीबगंज इस खिताब को अपने नाम कर पाया.
बेस्ट मेंटेन्ड एंड डिसेबल्ड फ्रेंडली मान्यूमेंट का
पुरस्कार भोजपुर के शिवमंदिर को दिया गया जिसे परमार शासक राजा भोज द्वारा
बनवाया गया था. वहीं मोस्ट इनोवेटिव एंड यूनिक टूरिज्म प्रोजेक्ट के लिए
भोपाल स्थित 'सैर-सपाटा' को पुरस्कार दिया गया.
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