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व्यापमं घोटाला: व्हिसलब्लोअर और उनकी पत्नी का तबादला आदेश वापस

मध्य प्रदेश के कुख्यात व्यापमं घोटाले का खुलासा करने वाले प्रमुख कार्यकर्ता डॉ. आनंद राय और उनकी हमपेशा पत्नी के विवादास्पद तबादले के मामले में प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को यू-टर्न लेते हुए इस दम्पति के स्थानांतरण आदेश वापस ले लिये.
हालांकि, प्रदेश सरकार ने 38 वर्षीय व्हिसलब्लोअर के इस आरोप को खारिज कर दिया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने व्यापमं और डी-मैट घोटालों के संबंध में उनके और उनके परिवार के खिलाफ अभियान बंद करने के एवज में उनका (राय) और उनकी पत्नी का तबादला आदेश निस्स्त करने की पेशकश की थी.
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर पीठ में इन तबादलों की चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता रवीशचंद्र अग्रवाल ने न्यायमूर्ति पीके जायसवाल और न्यायमूर्ति डीके पालीवाल को यह जानकारी दी.
मामले में राय की ओर से पैरवी करने वाले वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने संवाददाताओं को बताया, ‘महाधिवक्ता ने युगल पीठ से कहा कि राय और उनकी पत्नी गौरी को नजदीकी धार जिले में स्थानांतरित करने का सरकारी आदेश निरस्त कर दिया गया है और इस दम्पति को फिर से इंदौर में पदस्थ कर दिया गया है.’
तन्खा ने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से अदालत के सामने यह भरोसा भी दिलाया गया कि राय दम्पति के करीब दो माह के बकाया वेतन का भुगतान जल्द ही कर दिया जायेगा.
राय ने इस मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट में दो सितंबर को हलफनामा पेश किया था. इसमें सनसनीखेज आरोप लगाया गया था कि मुख्यमंत्री ने 11 अगस्त की रात व्हिसलब्लोअर से हुई मुलाकात के दौरान व्यापमं और डी-मैट घोटालों के संबंध में उनके और उनके परिवार के खिलाफ अभियान बंद करने को कहा था और इसके बदले उनका (राय) और उनकी हमपेशा पत्नी का तबादला आदेश निरस्त कर दोनों को फिर से इंदौर में पदस्थ करने की पेशकश की थी.
प्रदेश सरकार ने अदालत के आदेश पर इस हलफनामे पर शुक्रवार को अपना जवाबी शपथपत्र पेश किया. इस शपथपत्र में प्रदेश सरकार ने कहा, ‘राय का यह कथन निराधार है कि मुख्यमंत्री ने उन्हें व्यापमं और डी-मैट घोटालों के संबंध में उनके और उनके परिवार के खिलाफ मामले वापस लेने को कहा था.’
शपथ पत्र में यह भी कहा गया कि 11 अगस्त की रात शिवराज और राय के बीच हुई मुलाकात का उनके और उनकी पत्नी के तबादले के मसले से कोई लेना-देना नहीं है.
राय, इंदौर के एक सरकारी प्रशिक्षण संस्थान में बतौर चिकित्सा अधिकारी पदस्थ थे. इस संस्थान से उनका अटैचमेंट खत्म कर उन्हें नजदीकी धार जिले में उनकी मूल पदस्थापना वाले अस्पताल भेजे जाने का आदेश जारी कर दिया गया था. उनकी पत्नी गौरी का तबादला पहले इंदौर से उज्जैन किया गया था. फिर उन्हें उज्जैन से धार स्थानांतरित कर दिया गया था. 
राय का आरोप है कि उन्होंने प्रदेश सरकार के मंत्रियों और रसूखदार भाजपा नेताओं के खिलाफ व्यापमं और डीमैट घोटालों के संबंध में जांच एजेंसियों को शिकायत की थी. इसलिये ‘बदले की भावना से’ उनका और उनकी पत्नी का तबादला कर दिया गया. 
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